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Professor Against Lord Ram And Krishna: ‘…तो भगवान राम और कृष्ण को जेल भेज देता’, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विक्रम के विवादित पोस्ट पर भड़के बजरंग दल और वीएचपी

professor vikram

प्रयागराज। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर हैं। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के इन प्रोफेसर का नाम विक्रम है। वो खुद को विक्रम हरिजन कहलाना पसंद करते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विक्रम में आखिर क्या खासियत है कि उनके बारे में हम लिख रहे हैं! तो चलिए बताते हैं आपको। प्रोफेसर विक्रम अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं। खासकर सनातन विरोधी बयान प्रोफेसर विक्रम देते रहते हैं। एक बार फिर प्रोफेसर विक्रम ने भगवान राम और कृष्ण के बारे में विवादित बयान दिया है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के इन प्रोफेसर साहब ने रविवार को एक्स (ट्विटर) पर लिखा कि वो भगवान श्रीराम को शंबूक के वध में और भगवान कृष्ण को महिलाओं के यौन उत्पीड़न में जेल भेज देते। इससे पहले प्रोफेसर विक्रम ने मनु को फांसी पर चढ़ा देने और ब्राह्मणों और पुरोहितों के बारे में भी विवादित ट्वीट किए थे। जिसकी वजह से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन भी किया था।

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विक्रम पर अपने ताजा विवादित बयान की वजह से पुलिस में शिकायत हो गई है। न्यूज चैनल आजतक के मुताबिक बजरंग दल के संयोजक शुभम कुशवाहा ने प्रोफेसर विक्रम के ताजा पोस्ट की शिकायत पुलिस से की है। शुभम कुशवाहा ने अपनी शिकायत में कहा है कि प्रोफेसर विक्रम हिंदू देवी-देवताओं पर अपमानजनक टिप्पणी कर हिंदू समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं। बजरंग दल संयोजक ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी प्रशासन से भी प्रोफेसर विक्रम के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। वहीं, विश्व हिंदू परिषद वीएचपी के प्रांत संगठन मंत्री नितिन ने प्रोफेसर विक्रम के ताजा ट्वीट पर कहा कि ये हिंदू समाज को उद्वेलित करने की सुनियोजित साजिश है। वीएचपी का आरोप है कि समाज में अशांति फैलाने के लिए ऐसी टिप्पणी की गई है। वीएचपी ने भी बजरंग दल के साथ मिलकर प्रोफेसर विक्रम पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

स्वामी प्रसाद मौर्य और बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस पर दिए थे विवादित बयान।

बता दें कि बीते कुछ समय से सनातन धर्म और हिंदू देवी-देवताओं को निशाना बनाने की तमाम बयानबाजी की घटनाएं हो रही हैं। इसकी शुरुआत बिहार से हुई थी। जहां शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था। चंद्रशेखर के बाद यूपी के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने लगातार रामचरितमानस की चौपाइयों को निशाना बनाया। मौर्य ने रामचरितमानस की चौपाई को दलित, पिछड़ा और महिला विरोधी बताया। मौर्य के बयान के बाद पिछड़ों के एक संगठन ने लखनऊ में रामचरितमानस की प्रतियां भी जलाई थीं।

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