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हम आरक्षण को कभी नहीं हटने देंगे : राहुल गांधी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है। उसकी तरफ से ये निर्देश उत्तराखंड हाई कोर्ट के उस आदेश पर आया है, जिसमें राज्य सरकार से कहा गया था कि वह प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए डेटा जुटाए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के इस आदेश को खारिज कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर कहा कि राज्य सरकार प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है। इस आदेश के बाद अब एक बार फिर से आरक्षण को लेकर बहस छिड़ गई है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की है। राहुल ने कहा कि, ‘बीजेपी-RSS के डीएनए को आरक्षण चुभता है।’

राहुल गांधी ने कहा कि RSS-BJP की विचारधारा आरक्षण के खिलाफ है, वह किसी न किसी तरीके से रिजर्वेशन को हिंदुस्तान के संविधान से निकालना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने रविदास मंदिर तोड़ा क्योंकि जो एससी-एसटी कम्युनिटी है ये लोग उसे आगे नहीं बढ़ने देना चाहते हैं।

सांकेतिक तस्वीर

मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि, “बीजेपी की रणनीति आरक्षण को रद्द करने की है, लेकिन बीजेपी वाले कितना भी सपना देख लें ऐसा कभी नहीं होगा। आरक्षण संविधान का हिस्सा है, बीजेपी की ओर से इसे ही खत्म करने की कोशिश की जा रही है।”

आरक्षण को लेकर राहुल ने कहा कि, “मैं हिंदुस्तान की जनता को कह रहा हूं कि हम रिजर्वेशन को कभी नहीं मिटने देंगे, चाहे मोदी जी सपना देखे या मोहन भागवत सपना देखें…हम ऐसा नहीं होने देंगे।”

सरकारी नौकरियों में आरक्षण का दावा करना मौलिक अधिकार नहीं

बता दें कि बीते दिनों एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण का दावा करना मौलिक अधिकार नहीं है। ऐसे में कोई अदालत राज्य सरकारों को SC और ST वर्ग के लोगों को आरक्षण देने का निर्देश नहीं जारी कर सकती है। आरक्षण देने का अधिकार और दायित्व राज्य सरकारों के विवेक पर निर्भर है। कांग्रेस की ओर से संसद में भी इस मसले पर स्थगन प्रस्ताव दिया गया है। ऐसे में ना सिर्फ बाहर बल्कि संसद के अंदर भी सरकार को विपक्ष का गुस्सा झेलना होगा।

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