नई दिल्ली। राजस्थान (Rajasthan) में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने विश्वास मत हासिल कर लिया है। ध्वनि मत से विश्वास प्रस्ताव पारित किया गया है। इसके साथ ही सदन की कार्यवाही 21 अगस्त तक स्थगित कर दी गई है। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा (BJP) पर जमकर निशाना साधा और कहा कि ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोरोनावायरस (Coronavirus) से लड़ रही है, भाजपा सरकार गिराने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने राजस्थान को गोवा या मध्यपदेश नहीं बनने दिया। गहलोत ने कहा कि पूरी पार्टी संगठित है और एकजुट है।
राजस्थान विधानसभा का विशेष सत्र दो घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया था। जब सदन की कार्यवाही दोपहर एक बजे शुरू हुई तो राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने विश्वास प्रस्ताव पारित किया, जिस पर जमकर बहस हुई।
Chief Minister Ashok Gehlot led #Rajasthan Government wins vote of confidence in the State Assembly. pic.twitter.com/csbM85SQnW
— ANI (@ANI) August 14, 2020
विधानसभा में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत गहलोत ने कहा कि ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स जैसे विभाग का क्या देश में दुरुपयोग नहीं हो रहा है? जब आप फोन पर बात करते हैं तो क्या आप दूसरे व्यक्ति से नहीं कहते कि आपको फेसटाइम और वाट्सएप पर ज्वाइन करूंगा? क्या लोकतंत्र में ये अच्छी बात है?
Are agencies like ED, CBI and Income Tax department not being misused in the country? When you hold conversation on telephone, don’t you say the other person to join you on FaceTime and WhatsApp. Is this good thing in a democracy?: Rajasthan CM Ashok Gehlot in State Assembly pic.twitter.com/xcZ6pUlnct
— ANI (@ANI) August 14, 2020
विश्वास प्रस्ताव पर विधानसभा में बहस के बाद और दोनों पक्षों की ओर से बात रखे जाने के बाद गहलोत सरकार ने ध्वनिमत से विश्वास मत हासिल कर लिया। राज्य विधानसभा को अब 21 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। गहलोत सरकार अब कम से कम छह महीने के लिए सुरक्षित है, क्योंकि विपक्ष अगले छह महीनों के भीतर अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकता है।
बता दें कि गुरुवार को भाजपा के नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा था कि उनकी पार्टी विशेष विधानसभा सत्र में राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। हालांकि, जैसे ही कांग्रेस ने शुक्रवार को विश्वास प्रस्ताव पारित किया तो भगवा पार्टी ने इस विचार को छोड़ दिया है।