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ED Raid: बेटे वैभव को ED ने किया तलब तो भड़के राजस्थान के CM गहलोत, बोले- मैं इसी वजह से कहता हूं…

ED Summon To Gehlot Son Vaibhav Gehlot: सीएम गहलोत ने ईडी के एक्शन पर आक्रोश जाहिर करते हुए लिखा, 25 अक्टूबर को राजस्थान की महिलाओं के लिए कांग्रेस की गारंटियां लॉन्च की और अगले ही दिन 26 अक्टूबर राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह  डोटासरा के यहां ED की रेड- मेरे बेटे वैभव गहलोत को ED में हाज़िर होने का समन अब आप समझ सकते हैं।''

cm ashok gehlot

नई दिल्ली। ED Summon To Gehlot Son Vaibhav Gehlot: राजस्थान से बड़ी खबर सामने आई है। चुनावी राज्य में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की एंट्री हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को ED ने भेजा समन है। ईडी ने FEMA केस में वैभव को शुक्रवार 27 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। सीएम गहलोत ने सोशल मीडिया एक्स के जरिए इसकी जानकारी दी है। बेटे वैभव को ED को तलब करने पर सीएम गहलोत भड़क गए है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स के जरिए भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा राजस्थान का विकास नहीं चाहती है और कांग्रेस की गारंटी को रोकना चाहती है।

सीएम गहलोत का फूटा गुस्सा-

सीएम गहलोत ने ईडी के एक्शन पर आक्रोश जाहिर करते हुए लिखा, 25 अक्टूबर को राजस्थान की महिलाओं के लिए कांग्रेस की गारंटियां लॉन्च की और अगले ही दिन 26 अक्टूबर राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह  डोटासरा के यहां ED की रेड- मेरे बेटे वैभव गहलोत को ED में हाज़िर होने का समन अब आप समझ सकते हैं।”

आगे उन्होंने भाजपा पर वार करते हुए लिखा, ”जो मैं कहता आ रहा हूं कि राजस्थान के अंदर ED की रेड रोज़ इसलिए होती है क्योंकि भाजपा ये नहीं चाहती कि राजस्थान में महिलाओं को, किसानों को, गरीबों को कांग्रेस द्वारा दी जा रही गारंटियों का लाभ मिल सके।”

बता दें कि आज सुबह ही ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जयपुर में राजस्थान कांग्रेस चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के घर पर छापेमार कार्रवाई की है। पेपर लीक घोटाले के आरोप में ईडी की टीम उनके ठिकानों पर रेड मारने पहुंची। बताया जा रहा है कि अभी भी ये छापेमारी जारी है।

बता दें कि राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीटों पर 25 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। जबकि 3 दिसंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। पिछले 3 दशक से सूबे में एक बार कांग्रेस और एक बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने की परंपरा रही है। लेकिन क्या ये मिथक इस बार अशोक गहलोत तोड़ पाएंगे? क्या वो दोबारा राज्य में दोबारा कांग्रेस की सरकार बना पाएंगी? ये चुनाव के नतीजों के बाद ही पता चल पाएगा।

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