जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार की है लेकिन बगावतों का दौर ऐसा चल रहा है कि उसे भारतीय जनता पार्टी से झटका लगा है। दरअसल जयपुर जिला प्रमुख के चुनाव में कांग्रेस के पास बहुमत होने के बाद भी भाजपा की रणनीति के आगे कांग्रेस को निराशा हाथ लगी है। दरअसल बीजेपी के पास इस चुनाव में सिर्फ एक जिले सिरोही में ही बहुमत मिला था लेकिन इसके बाद भी भाजपा ने जयपुर और भरतपुर में भी अपने जिला प्रमुख उम्मीदवारों को जितवा लिया। इस चुनाव में कांग्रेस में 5 जिलों में क्रॉस वोटिंग सामने आई है। कांग्रेस को 4 जिलों में साफ बहुमत मिला था लेकिन अगर जिला प्रमुख की बात करें तो उसके खाते में महज 3 ही प्रमुख आ सके। बता दें कि जयपुर में BJP की रमा देवी, सिरोही में बीजेपी के अर्जुन पुरोहित, जोधपुर में कांग्रेस उम्मीदवार लीला मदेरणा, भरतपुर में बीजेपी उम्मीदवार जगत सिंह, दौसा में कांग्रेस के हीरालाल सैनी और सवाईमाधोपुर में कांग्रेस के जिला प्रमुख जीते हैं।
सबसे रोचक मामला तो जयपुर जिला प्रमुख के चुनाव में देखने को मिला। बता दें कि यहां कांग्रेस में ही बगावत देखने को मिली। दरअसल कांग्रेस से जिला प्रमुख का टिकट सरोज देवी को दिया गया। जबकि भाजपा ने रमा देवी को टिकट देकर मुकाबला रोमांचक कर दिया। खास बात यह है कि रमा देवी कांग्रेस के ही टिकट पर चुनाव जीतीं हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि भाजपा की रणनीति से कांग्रेस पार नहीं पा सकी।
मुख्यमंत्री की नाक के नीचे, राजस्थान की राजधानी में जिला परिषद में जीती कांग्रेस लेकिन जिला प्रमुख बीजेपी की बन गयी| कांग्रेस अपनी सरकार बनाने के लिए लडी थी या बीजेपी की? pic.twitter.com/6zY1KSPFpW
— Anurag Dhanda (@anuragdhanda) September 6, 2021
कांग्रेस से जीती जिला परिषद सदस्य का चुनाव जीतीं रमा देवी ने जीतीं रमा देवी चोपड़ा ने सोमवार सुबह बीजेपी का दामन थामा। इसकी खबर से कांग्रेस के खेमें सनसनी मच गई। वहीं भाजपा से टिकट पाकर रमा देवी शाम होते-होते जिला प्रमुख का चुनाव भी जीत गईं। ऐसे में कांग्रेस हाथ मलती रही।
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— Prakash (@Gujju_Er) September 6, 2021
सोशल मीडिया पर लोगों ने कांग्रेस पर सवाल उठाने शुरू कर दिये हैं। लोगों का कहना है कि, राजस्थान की राजधानी जयपुर में ही मुख्यमंत्री कांग्रेस की नाक नहीं बचा पाए। वहीं रमा देवी ने ही कांग्रेस से बगावत नहीं की है, उनके पति मोतीराम चोपड़ा ने भी नगर निगम ग्रेटर में कांग्रेस से बगावत की थी। अब पति के बाद पत्नी ने भी बगावत कर दी। पति की बगावत के बावजूद कांग्रेस ने उनकी पत्नी को जिला परिषद वार्ड नंबर 17 से अपना उम्मीदवार बनाया था।