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Rajasthan Politics : सचिन पायलट को अभी मुख्यमंत्री नहीं बनाया तो…; राजस्थान में गुर्जर नेता ने दी राहुल गांधी को खुली चेतावनी

नई दिल्ली। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ अशोक गहलोत हैं जो गद्दी छोड़ने को तैयार नहीं है दूसरी तरफ सचिन पायलट का खेमा पायलट को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होते हुए देखना चाहता है। गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कांग्रेस पार्टी को अल्टीमेटम दे दिया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सचिन पायलट को अभी मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो समुदाय राहुल गांधी की यात्रा का विरोध करेगा।

आपको बता दें की किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय सिंह बैंसला ने एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कहा, ”मौजूदा कांग्रेस सरकार ने चार साल पूरे कर लिए हैं और एक साल बचा है। अब सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो आपका (राहुल गांधी) स्वागत है। नहीं तो हम विरोध करेंगे।”बैंसला ने साफ तौर पर राजस्थान में भारत जोड़ों यात्रा के विरोध का ऐलान किया। उन्होंने यह बात ऐसे समय पर कही है जब राहुल की यात्रा मध्य प्रदेश में प्रवेश कर चुकी है और अगला पड़ाव राजस्थान ही है।

आपको बता दें टीवी चैनल से बातचीत करते हुए विजय बैंसला ने कहा कि अब उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है। 2019 में जो फॉर्मूला बनाया गया था उसे मौजूदा मुख्यमंत्री ने लागू नहीं किया। उन्होंने कहा कि गुर्जर मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से पूरे समुदाय को नुकसान हो रहा है। इसके अलावा उन्होंने कहा, ”हम किसी को फिरौती के लिए नहीं पकड़ रहे हैं, लेकिन हम कब तक इंतजार करेंगे। हम टकराव की ओर क्यों बढ़ रहे हैं?” उन्होंने कहा कि समुदाय ने 2019 और 2020 में कई मुद्दों पर कांग्रेस के साथ समझौता किया था, लेकिन इन्हें पूरा नहीं किया गया। बैंसला ने कहा, ”ऐसा नहीं है कि हम यात्रा को रोकने की धमकी दे रहे हैं, लेकिन यह राजस्थान सरकार है जो हमारी मांगों को पूरी नहीं करके यह कदम उठाने पर मजबूर कर रही है।”

गौर करने वाली बात यह है कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच चल रहे विवाद के दौरान गुर्जर समुदाय का समर्थन सचिन पायलट को है। क्योंकि गुर्जर समुदाय से आने वाले सचिन पायलट राजस्थान में लंबे समय से ‘सीएम इन वेटिंग’ हैं। राजस्थान में कांग्रेस को पिछले चुनाव में जीत दिलवाने में उनकी भूमिका को अहम माना जाता है। माना जा रहा था कि पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर इनाम देगी। लेकिन राजनीति के जादूगर कहे जाने वाले अशोक गहलोत ने बाजी मार ली। 2020 में पायलट ने दो दर्जन समर्थक विधायकों के साथ बगावत भी कर दी थी। उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने मना लिया था।

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