News Room Post

Rain Alert For Many States: असम और उत्तराखंड में रेड तो अन्य तमाम राज्यों के लिए बारिश का ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी, जानिए आपके यहां क्या रहने वाला है हाल

नई दिल्ली। पहले भीषण गर्मी पड़ रही थी। चिलचिलाती गर्मी से परेशान लोग मॉनसून की बारिश का इंतजार कर रहे थे। अब तमाम राज्यों में मॉनसून की बारिश लोगों के लिए मुश्किल का सबब बन गई है। असम और अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ से लाखों लोगों पर असर पड़ा है। जबकि, गुजरात समेत कई जगह बारिश के कारण जगह-जगह जलभराव से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। इन सबके बीच मौसम विभाग ने एक बार फिर बारिश के बारे में अलर्ट जारी किया है।

मौसम विभाग के अनुसार असम और उत्तराखंड में भारी बारिश हो सकती है। दोनों राज्यों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश के पूर्वी इलाकों, पश्चिम बंगाल के हिमालय से लगे इलाकों, सिक्किम, असम और पूर्वोत्तर में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। जबकि, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों, तेलंगाना, गोवा, महाराष्ट्र के मध्य इलाकों और गुजरात में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश का यलो अलर्ट मौसम विभाग ने जारी किया है।

मौसम की ताजा भविष्यवाणी के अनुसार दिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय इलाकों महाराष्ट्र के विदर्भ, गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ में भी हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने के आसार हैं। वहीं, रायलसीमा और मराठवाड़ा में भी हल्की बारिश देखने को मिल सकती है। उपरोक्त सभी जगह के लिए मौसम का ये पूर्वानुमान अगले 4 से 6 दिन के लिए है। मणिपुर में तो सरकार ने भारी बारिश की स्थिति देखते हुए स्कूल और कॉलेज भी बंद कर दिए हैं। मौसम विभाग ने पहले ही अनुमान लगाया था कि इस बार देश में मॉनसून की जबरदस्त बारिश होने वाली है। इसकी वजह ला नीना का प्रभाव है। ला नीना में जमीन के अलावा समुद्र भी गर्म हो जाता है। ऐसे में काफी बादल बनते हैं और इससे अच्छी बारिश होती है। बारिश अच्छी होने से धान उगाने वाले किसानों को राहत मिलती है, लेकिन तमाम जगह बाढ़ से आम लोगों का विस्थापन भी होता है। विस्थापन का यही नजारा असम और अरुणाचल में दिख रहा है। असम में बाढ़ के कारण 16 लाख से ज्यादा, तो अरुणाचल में 60000 के करीब लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

Exit mobile version