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Relief To Sadhguru Jaggi Vasudev In Isha Foundation Case : सद्गुरु जग्गी वासुदेव को सुप्रीम कोर्ट से राहत, ईशा फाउंडेशन मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर रोक

Relief To Sadhguru Jaggi Vasudev In Isha Foundation Case : सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने दोनों महिलाओं से बात की जिस पर उन्होंने बताया कि वो अपनी मर्जी से आश्रम में रह रही हैं। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मामले को मद्रास हाई कोर्ट से अपने पास ट्रांसफर कर लिया और तमिलनाडु पुलिस से हाई कोर्ट द्वारा मांगी गई स्टेटस रिपोर्ट शीर्ष अदालत में जमा करने को कहा है।

नई दिल्ली। सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन को सर्वोच्च अदालत ने राहत देते हुए मद्रास हाईकोर्ट के पुलिस जांच के आदेश पर रोक लगा दी है। ईशा फाउंडेशन ने मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा पुलिस को फाउंडेशन के खिलाफ सभी आपराधिक मामलों का विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश के संबंध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने आदेश में कहा, आप पुलिस या सेना को इस तरह से किसी जगह में प्रवेश नहीं करने दे सकते। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को मद्रास हाई कोर्ट से अपने पास ट्रांसफर कर लिया और तमिलनाडु पुलिस से हाई कोर्ट द्वारा मांगी गई स्टेटस रिपोर्ट शीर्ष अदालत में जमा करने को कहा है।

क्या है पूरा मामला?

एक रिटायर्ड प्रोफेसर एस. कामराज ने मद्रास हाईकोर्ट में ईशा फाउंडेशन के खिलाफ याचिका दायर की थी। प्रोफेसर ने आरोप लगाया था कि उनकी दो बेटियों को ईशा फाउंडेशन के आश्रम में बंधक बनाकर रखा गया है। इतना ही नहीं दोनों बेटियों पर संन्यासी बनने के लिए दबाव भी डाला जा रहा है। इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इन दोनों महिलाओं से अपने चेंबर में बातचीत की। इनका कहना है कि वह दोनों बहनें स्वेच्छा से ईशा योग केंद्र में रह रही थी और उनके पिता की ओर से यह उत्पीड़न पिछले आठ साल से जारी है। उन्होंने बताया कि वो दोनों साल 2009 में जब वो 27 और 24 साल की थीं तब आश्रम आईं थीं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपना आदेश सुनाया।

इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने सद्गुरु जग्गी वासुदेव पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि आपकी खुद की बेटी तो शादी शुदा है और वो अच्छा तरह से सांसारिक जीवन जी रही है तो फिर आप दूसरे की बेटियों पर सिर मुंडवाकर संन्यासी बनने के लिए क्यों दबाव डालते हैं? हाईकोर्ट ने पुलिस को आश्रम की जांच का भी आदेश दिया था जिसके बाद 1 अक्टूबर को पुलिस ने आश्रम की तलाशी ली थी।

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