नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में अब आतंकी आईडी कार्ड देखकर गैर मुस्लिम लोगों की हत्या कर रहे हैं। गुरुवार को श्रीनगर के ईदगाह इलाक़े में आतंकियों ने एक सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और उसी स्कूल के एक टीचर दीपक चंद की गोली मारकर हत्या कर दी। बताया गया कि आतंकियों ने पहले सभी टीचर्स को लाइन में खड़ा किया फिर आईडी देखा और गैर मुस्लिम टीचर (एक सिख और एक हिन्दू) की हत्या कर दी। इससे पहले एक दुकानदार और मशहूर कश्मीरी पंडित मक्खन लाल बिंदरु की सरेआम गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। हालांकि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा है कि वे बदला लेकर रहेंगे! लेकिन जम्मू कश्मीर में हुई इस घटना को किस तरह से हमारे देश की तथाकथित ‘निष्पक्ष मीडिया’ और ‘स्केयुलर नेताओं’ ने प्रस्तुत करने की कोशिश की है, उसे तो आपने देखा होगा। जब इस मामले को लेकर ‘निष्पक्ष मीडिया’ में हुई कवरेज पर मशहूर पत्रकार और एंकर ऋचा अनिरुद्ध ने सवाल उठाये तो कुछ लोग उन्हें बिका हुआ बताने लगे। हालांकि ऋचा अनिरुद्ध ने भी ऐसे लोगों को करारा जवाब दिया!
ऋचा अनिरुद्ध ने उठाया सवाल तो…
दरअसल कश्मीर में हुई गैर मुस्लिम लोगों को हत्या पर “द वायर” की मीडिया कवरेज की दो तस्वीरों को शेयर करते हुए ऋचा अनिरुद्ध ने लिखा कि “ये लोग खुद को “निष्पक्ष” “पत्रकार” और न जाने क्या क्या कहते हैं..और दूसरों को बिका हुआ..आप लोग खुद देखिए कि ये क्या हैं?! श्रीनगर पर एक ट्वीट वो भी दब ढंका सा..और हिंदुत्व सुरक्षा के लिए खतरा है इनके हिसाब से! वाह!”
ये लोग खुद को “निष्पक्ष” “पत्रकार” और न जाने क्या क्या कहते हैं..और दूसरों को बिका हुआ..आप लोग खुद देखिए कि ये क्या हैं?! श्रीनगर पर एक ट्वीट वो भी दब ढंका सा..और हिंदुत्व सुरक्षा के लिए खतरा है इनके हिसाब से! वाह! @AartiTikoo @AdityaRajKaul @sunandavashisht pic.twitter.com/JcutfsBTOp
— richa anirudh (@richaanirudh) October 8, 2021
ऋचा अनिरुद्ध के ट्वीट पर कई लोगों ने जम्मू कश्मीर के प्रशासन पर सवाल उठाये तो कुछ लोगों ने ये भी कहा कि जिन लोगों के अंदर लखीमपुर खीरी मामले को लेकर बहुत संवेदना जगी है, उन लोगों के अंदर आख़िरकार कश्मीर में मारे गये इन लोगों के लिए संवेदना क्यों नही है? क्या संवदेना भी मरने वाले या मारने वाले की जाति और धर्म देखकर जगती है? इस तरह के कई सवाल खड़े किये गये! लेकिन इसी बीच एक यूजर ने ऋचा अनुरुद्ध के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा कि आपको मोदी जी से पेमेंट टाइम से मिल रही है, लगता है!
Aapko payment modi ji se time se mil rahi hai lagta hai…..
— Ankur Singh (@SINGHANKUR03) October 8, 2021
“आपको मोदी जी से पेमेंट टाइम से मिल रही है, लगता है!”
दरअसल जब अंकुर सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि आपको मोदी जी से पेमेंट टाइम से मिल रही है, लगता है! तो इसका जवाब ऋचा अनिरुद्ध ने भी अपने तरीके से दिया। ऋचा ने जवाब देते हुए कहा कि “बेटा अब कोई नई बकवास ढूढो प्लीज़। ये वाली काफी बोरिंग हो गई है। अब तो न बुरा लगता है न ग़ुस्सा आता है… बस तुम जैसों पर दया आती है कि एक ही घिसी पिटी बात पर अटक गए हो.. आगे बढो..थोड़े और innovative बनो और कुछ नया ढूढो..”
बेटा अब कोई नई बकवास ढूढो प्लीज़ । ये वाली काफी बोरिंग हो गई है। अब तो न बुरा लगता है न ग़ुस्सा आता है… बस तुम जैसों पर दया आती है कि एक ही घिसी पिटी बात पर अटक गए हो.. आगे बढो..थोड़े और innovative बनो और कुछ नया ढूढो.. ?? https://t.co/S0GaLGQl3t
— richa anirudh (@richaanirudh) October 8, 2021
ऋचा अनिरुद्ध के इस जवाब पर भी कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी है। ऋचा के इस जवाब पर पत्रकार अर्पित आलोक मिश्रा लिखते हैं कि आगे क्यों बढ़ें, मुमकिन है कि पेमेंट ही उन्हें इस बात की मिलती हो??
आगे क्यों बढ़ें, मुमकिन है कि पेमेंट ही उन्हें इस बात की मिलती हो???☺️
— अर्पित आलोक मिश्र (@arpitalokmishra) October 8, 2021
देखिये कुछ और प्रतिक्रियाएं
ये @thewire_in जेहादी और फेक न्यूज़ मीडिया है। इससे ज़्यादा कुछ नहीं।
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) October 9, 2021
हम धर्म देखकर किसी का सामान ख़रीदने से मना कर दें तो सांप्रदायिक और वो धर्म पूछकर जान से मारदें तो भी शांतिप्रिय???
— Balkrishan Sharma ?? (@BbCyberExpert) October 9, 2021
जो लखीमपुर में लाव लश्कर के साथ डटे हैं अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने के लिए, क्या उन्हें यह हत्याएं प्रभावित नहीं करतीं या फिर इनसे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता?
— Krishna Mohan Gupta (@KrishnaMohanGup) October 8, 2021
मैडम, इनका तो व्यापार ही यही है। रोज़ी रोटी ही इस सबसे चलती है बेचारों की।
बस हिन्दुत्व के पीछे पड़े रहो, दुकान चल पड़ेगी। सबको पता है हिन्दुत्व क्या है पर साथ में कमी भी पता है कि सहिष्णु है, कुछ नहीं बोलेगा पलटकर।
— D R Kumawat (@drkumawat_IND) October 8, 2021
यह द वायर कोई न्यूज़ एजेंसी नहीं बल्कि ऐसा लगता है एक हिंदुत्व के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाने वाली एजेंसी है जो नॉर्मल न्यूज़ को मनोवैज्ञानिक तरीके से हिंदुत्व के खिलाफ बदलकर धीमे जहर का काम कर रही है और हिंदुओं की हत्या और हमले को एक साधारण घटना करार देती है इसे बैन करना चाहिए
— Ramdev (@Ramdev14940994) October 8, 2021
इनका एजेंडा है आतंकवाद की पैरवी करना और हिन्दू को बदनाम करना इनकम का सोर्स ही यही है इनका इस मे कुछ नया नही ये वर्षों से चला आ रहा है
— Bisht (@Bisht_IN0) October 9, 2021
इन लोगों को लगता है की आधे से ज़्यादा हिंदुस्तान बस ₹2 प्रति ट्वीट के हिसाब से पिछले सात सालों से अपना घर बार चला रहा है !!
— Yo Yo Funny Singh ?? (@moronhumor) October 8, 2021
इन लोगों को इतना ही सिखाया गया है !! अब कोई नया टूलकिट आएगा तब नई बकवास सीखेंगे न !! मोदी जी ने बेच दिया , मोदी जी ने खरीद लिया , मोदी जी ने गिरवी रख दिया तक इनका दिमाग सीमित है !!! जैसा इनका पप्पू गुरु वैसे ही जड़ बुद्धि चेले !!
— Naveen Mittal (@sachkahun) October 8, 2021
ऋचा जी, ये ठीक उसी तरह अटक गए है, जैसे इनकी कैसेट ‘आरएसएस फासिस्ट है’, ‘बीजेपी कम्युनल है’, ‘संविधान खतरे में है’, ‘लोकतंत्र की हत्या हो रही है..’ blah..blah blah blah blah.. पर दशकों से अटकी हुई है।
— Saurabh Saxena ?? (@imsaurabhsaxena) October 8, 2021