नई दिल्ली। देश अभी कोरोना वायरस (Coronavirus) जैसी घातक महामारी से अभी उबरा भी नहीं इसी बीच वायु प्रदुषण (Air Pollution) भी बढ़ गया। जो काफी खतरनाक स्तर पर है। ये सेहत के लिए काफी हानिकारक है। खासकर उन लोगों के लिए जो कोरोना से मुक्त हो चुके हैं। कोरोना वायरस से मुक्त हो चुके लोगों के लिए वायु प्रदुषण ज्यादा खतरनाक है।
डॉक्टरों की राय है कि जो लोग कोरोना वायरस बीमारी से रिकवर चुके हैं और उच्च वायु प्रदूषण वाले शहर या क्षेत्र में रहते हैं, उन्हें फ्लू की वैक्सीन ले लेनी चाहिए। वायु प्रदूषण कोविड -19 रोगियों की संवेदनशीलता, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम को बढ़ा सकता है, और चिकित्सकों ने चेतावनी दी है कि यह “लॉन्ग कोविड” के लक्षणों को भी बढ़ा सकता है।
”लॉन्ग कोविड क्या है?”
ये शब्द कोविड-19 से ठीक होने के बाद भी लगातार हफ्तों और महीनों तक दिखने वाले लक्षणों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यानी कोरोना से ठीक होने के बाद भी कोरोना वायरस का रिस्क बरकरार रहता है।
बीबीसी समाचार की रिपोर्ट के अनुसार, वृद्ध लोगों, महिलाओं, अधिक वजन वाले और मोटे लोगों, अस्थमा के रोगियों और पहले सप्ताह में पांच से अधिक कोविड -19 लक्षण पाए जाने वाले लोगों को “लॉन्ग कोविड” का अधिक खतरा होता है। इस बात के भी नए प्रमाण हैं कि बहुत हल्के या बिना लक्षणों वाले लोग भी ठीक होने के बाद के लक्षणों को विकसित कर सकते हैं, जो कई महीनों तक रह सकते हैं। सर्दी जुकाम और बढ़ता प्रदूषण ठीक हो चुके लोगों की स्थिति बिगाड़ सकता है।