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Rohingya In Nuh Communal Violence: नूंह की सांप्रदायिक हिंसा में रोहिंग्या घुसपैठिए भी थे शामिल!, दो आरोपियों की गिरफ्तारी से खुलासा

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नूंह। हरियाणा के नूंह में नल्हड़ महादेव मंदिर से 31 अगस्त को विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने ब्रजमंडल यात्रा निकाली थी। ये यात्रा हर साल निकलती है। वीएचपी की यात्रा पर जमकर पथराव हुआ था। फायरिंग और गाड़ियों में आगजनी की गई थी। सांप्रदायिक हिंसा में 2 होमगार्ड समेत 6 लोगों की जान गई थी। अब खुलासा हुआ है कि नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा में म्यांमार से घुसपैठ कर आए हुए रोहिंग्या भी शामिल थे। नूंह पुलिस ने हिंसा में शामिल सैफुल्लाह और महबूब नाम के दो रोहिंग्या को गिरफ्तार किया है। दोनों की गिरफ्तारी के बाद अब नूंह में रहने वाले 2000 के करीब रोहिंग्या पर शिकंजा कसा जा रहा है। इन सभी के दस्तावेजों की जांच होगी।

सैफुल्लाह और महबूब ने पुलिस को बताया है कि वे कई लोगों के साथ म्यांमार से असम पहुंचे और वहां फर्जीवाड़ा कर आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बनवाए। फिर असम से दिल्ली आ गए। दिल्ली में नूंह के एक मौलाना से मिले। जिसके बाद करीब डेढ़ साल पहले वे नूंह आकर रहने लगे। नूंह में नंगली गांव और पुराने बस स्टैंड के पास रोहिंग्या की अवैध बस्ती थी। इसी में दोनों रहते थे। पुलिस और प्रशासन सैफुल्लाह और महबूब से जानकारी मिलने के बाद अब सभी रोहिंग्या की जांच करने वाले हैं। प्रशासन पहले ही तावड़ू में रोहिंग्या की 200 झुग्गियों को बुलडोजर से गिरा चुका है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक 31 अगस्त और उसके बाद नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा में और भी रोहिंग्या शामिल थे। खास बात ये है कि रोहिंग्या घुसपैठिए हैं और नूंह में उन्होंने सरकारी जमीन पर झुग्गी बस्ती भी बना ली थी। हैरत की बात ये है कि हिंसा से पहले प्रशासन और पुलिस की इस संबंध में नींद नहीं टूटी थी। बहरहाल, हिंसा के बाद अब प्रशासन सख्त कार्रवाई के मूड में दिख रहा है। अब तक हिंसा के संबंध में हरियाणा पुलिस ने 200 के करीब आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है।

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