नई दिल्ली। यह कहना अतिशोयक्ति नहीं होगा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ देश ही नहीं, बल्कि समस्त विश्व का सर्वाधिक विशाल हिंदू संगठन है। इस संगठन को लेकर लोगों के अलग-अलग मत हैं, जहां कुछ लोग इसके पक्ष में तर्क देते हैं, तो वहीं कुछ लोग इसके विरोध में तर्क देते हैं। वहीं, राजनीति में भी इस संगठन की सक्रियता पिछले कई वर्षों से काफी बढ़ी है, जिसे ध्यान में रखते हुए कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों का भी हमला इस संगठन पर काफी बढ़ा है, लेकिन इस बीच इसे लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
जानिए पूरा माजरा
दरअसल, कटिंग साउथ के जवाब में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने आगामी 12 दिसंबर से ब्रिजिंग साउथ नामक अभियान की शुरुआत करने का ऐलान किया है। वहीं, इस खास मौके पर प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक और आरएसएस के सदस्य अखिल भारतीय कार्यकारिणी जे नंदकुमार ने गुरुवार को कहा, ब्रिजिंग साउथ का उद्घाटन 12 दिसंबर को दिल्ली में होगा। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने अपने बयान में क्या कुछ कहा?
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— chandrasekhar swaminathan (@chandra71105813) November 30, 2023
प्रज्ञा प्रवाह ने क्या कहा ?
प्रज्ञा ने कहा कि, ‘ उत्तर से लेकर दक्षिण तक समुद्र से लेकर धरा तक भारत एक ही है। कोई गुरेज नहीं यह कहने में भारत एक समग्र अवधारणा है। इसके अलावा हम सांस्कृतिक और आधात्मिक रूप से भी एक हैं। लेकिन, कुछ लोग विभाजनकारी ताकतों का सहारा लेकर हमारे महान राष्ट्र को बांटने की कोशिश कर रहे हैं ,लेकिन मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इन लोगों की कोशिशें कभी सफल नहीं होने वाली है। उधर, नंदकुमार ने भी इस संदर्भ में बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘कुछ तथाकथित बुद्धजीवियों ने भारत को बांटने के मकसद से कटिंग साउथ की शुरुआत की है, जिसके जवाब में हमने ये कदम उठाया है। उन्होंने आगे कहा कि कटिंग साउथ लोगों को भड़काने के मकसद से शुरू किया गया है, ताकि आम लोगों के बीच राजनीतिक विषयों को लेकर गलत संदेश प्रचारित की जा सकें। बहरहाल, अब आगामी दिनों में आरएसएस की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।