नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने इमामों को पारिश्रमिक दिए जाने के दिल्ली सरकार के फैसले का विरोध किया है। केंद्रीय सूचना आयुक्त के अनुसार इमामों को पारिश्रमिक दिया जाना संविधान का हनन है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इमामों को दिए जाने वाले वेतन के खिलाफ एक आरटीआई आवेदन पर आदेश पारित किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इमामों को दिए जाने वाले वेतन के खिलाफ एक आरटीआई आवेदन पर आदेश पारित किया है।
RTI On Imam’s Salary : ‘हिंदुओं के साथ विश्वासघात’ है इमामों को सैलरी दिया जाना, दिल्ली सरकार के फैसले पर क्यों भड़के केंद्रीय सूचना आयुक्त?
Delhi News : केंद्रीय सूचना आयुक्त ने आगे कहा कि, “मुस्लिम समुदाय को विशेष धार्मिक लाभ देने जैसे कदम, जैसा कि वर्तमान मामले में उठाया गया है, वास्तव में अंतर्धार्मिक सद्भाव को गंभीर रूप से प्रभावित करता है क्योंकि वे अति राष्ट्रवादी आबादी के एक वर्ग से मुसलमानों के लिए अवमानना को आमंत्रित करते हैं।”
