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साद के अपने ही खोल रहे हैं उसकी पोल, सामने आया सबसे महत्वपूर्ण गवाह

नई दिल्ली। तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद के खिलाफ दिल्ली पुलिस को एक के बाद दूसरे अहम तथ्य और गवाह मिलते जा रहे हैं। ऐसा ही एक गवाह अमानतुल्लाह चौधरी है। वह तबलीगी जमात की वर्किंग कमिटी का पूर्व सदस्य है। उसने साद की हरकतों के बारे में कई बार चेतावनी दी थी। साल 2015 की अपनी शिकायत में चौधरी ने साद की जमात में हो रहे वित्तीय फर्जीवाड़े का भी खुलासा किया था।


चौधरी ने अपनी शिकायत में लिखा था कि पहले कोषाध्यक्ष और मैनेजर अलग-अलग होते थे। पर साद ने सब बदल दिया। इतना ही नहीं अब मरकज की कमाई और खर्च का कोई हिसाब नहीं रखा जाता। 2016 में भी मरकज के 7 लोगों ने लिखित शिकायत दी थी। इसमें गोधरा के मौलाना इस्माइल ने लिखा था कि मरकज किस दिशा में जा रही है इसकी सीनियर मेंबर्स को चिंता है।

इसी तरह साल 2016 में ही चेन्नै, अलीगढ़, बेंगलुरु और दिल्ली से साद के खिलाफ शिकायतें आईं थीं। इसमें लिखा था कि मौलाना साद सिर्फ मस्जिदों में जुटने पर जोर देते हैं, जबकि बाहर निकलकर जमातियों को क्या करना है इसपर नहीं।


तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना मोहम्मद साद पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। उनसे जुड़ी प्रॉपर्टी पर छापेमारी के बीच कुछ पुलिस को कुछ ऐसी चीजें पता लगी हैं जो बताती हैं कि मौलाना साद पिछले कई सालों से तबलीगी जमात और मरकज को अपने हिसाब से तानाशाह की तरह चला रहे थे। इसके खिलाफ उनके साथ काम करनेवालों ने भी कई बार आवाज उठाई लेकिन कोई सुनवाई ही नहीं हुई।

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