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सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन की मांग खारिज की

Women Indian Army

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को भारतीय सेना (Indian Army) में महिलाओं के स्थायी कमीशन के मामले की सुनवाई हुई। कट ऑफ डेट से बाहर होने की वजह से स्थायी कमीशन नहीं मिलने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची 17 महिला अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। भारतीय सेना में महिला अफसरों के लिए स्थायी कमीशन के मामले को लेकर कुछ महिला अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया है।

दरअसल, सेना में महिला अफसरों के स्थायी कमीशन को कोर्ट ने अपनी मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद उन महिला अफसरों ने एक याचिका दाखिल की, जिन्होंने कट ऑफ डेट के बाद विस्तार के लिए 14 साल की सेवा पूरी कर ली थी। उनकी मांग थी कि उनकी सेवा 20 साल कर दी जाए, ताकि उन्हें 20 साल के हिसाब से पेंशन और अन्य सुविधाएं मिल सकें।

न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, के. एम. जोसेफ और इंदु मल्होत्रा की एक पीठ ने कहा कि अधिकारियों के एक बैच को अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि फिर अन्य बैच भी इसी तरह के आदेश मांग सकते हैं। याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि इन मामलों को संबोधित करना मुश्किल है, क्योंकि ये सभी राष्ट्र की सेवा में हैं। पीठ ने कहा, “हम मदद करना चाहते हैं, लेकिन हमें कहीं तो एक सीमा रेखा खींचनी होगी।”

पीठ ने कहा, “हमारा फैसला था कि जिन्होंने फैसला आने वाले दिन तक 14 सालों तक की सेवा समाप्त कर ली है, उन्हें पेंशन और स्थायी कमीशन लाभ मिलेगा। कट-ऑफ फैसले की तारीख है। अगर हमने इसमें बदलाव किया तो हमें आगे आने वाले बैच के लिए भी बदलाव करना पड़ेगा।”

न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि इन महिला अधिकारियों ने मार्च में 14 साल पूरे कर लिए थे और अदालत ने कट-ऑफ की तारीख दी थी। उन्होंने कहा, “सरकारी आदेश बाद में आया। हम आखिर और कितनी दूर जा सकते हैं?”

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