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SC : योगी सरकार में 2017 से अबतक हुए 183 एनकाउंटर पर SC करेगा सुनवाई, पूर्व जज की निगरानी में कमिटी बनाने की उठी मांग

Supreme Court

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित अतीक अहमद हत्याकांड को लेकर सवाल उठ ही रहे थे कि इस बीच उत्तर प्रदेश में फेक एनकाउंटर को लेकर जो याचिका सुप्रीम कोर्ट में डाली गई थी उसपर कोर्ट ने अब बड़ा फैसला करने का मन बना लिया है। जानकारी के मुताबिक प्रयागराज में पुलिस कस्टडी के दौरान हुए अतीक और अशरफ हत्याकांड और यूपी में 2017 से अब तक हुए 183 एनकाउंटर की जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट 24 अप्रैल को सुनवाई करने का फैसला कर लिया है। जानकरी के लिए आपको बता दें कि इस बारे में उत्तर प्रदेश सरकार में बीते 6 सालों के दौरान जो भी एनकाउंटर किए गए हैं उनपर विशाल तिवारी नाम के एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की है, और इसमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में कमिटी बनाने की भी डिमांड सामने रखी है।

अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम की मुठभेड़ में मौत के बाद की फोटो।

आपको बता दें कि यूपी में 2017 से शुरू हुए तथाकथित एनकाउंटर कल्चर पर मायावती और अखिलेश यादव समेत तमाम विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए हैं। जानकारी के अनुसार 2017 से अबतक करीब 183 अपराधी एनकाउंटर में ढेर किये गए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार का साफ कहना है कि योगी सरकार में गलत काम करने वाले और माफियाओं को बख्शा नहीं जाएगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी सदन में जोरदार भाषण देते हुए कहा था कि अगर माफिया ये सोचते हैं कि वो कोई भी अपराध करके बच जाएंगे तो हम उनको मिटटी में मिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

गौर करने वाली बात ये है कि 2017 में जब पहली बार योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उनके सबसे पहले बयानों में उत्तर प्रदेश से अपराध की दुनिया को खत्म करना था। योगी सरकार इसके बाद से ही लगातार ज़ीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर एक्टिव है। योगी सरकार के दौरान इसी क्रम में बड़े स्तर पर एक ओर जहां अवैध रूप से अर्जित की गई सम्पत्ति पर बुलजोडर चलाया गया है, इस कार्रवाई में कई माफियाओं और गुंडों की संपत्ति भी सरकार ने आवासीय परिसर बनाने के लिए इस्तेमाल में ली है। इस दौरान कई बार एनकाउंटर के दौरान यूपी पुलिस के कई जवानों की भी शहादत हो गयी थी।

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