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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, केंद्र ही नहीं राज्य भी तय कर सकते हैं गन्ने की कीमत

नई दिल्ली। गन्ना खरीद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक अब राज्य अपने यहां गन्ने की न्यूनतम खरीद कीमत तय कर सकते हैं। अगर यह केंद्र की तरफ से तय कीमत से ज्यादा है तो उसमें कोई दिक्कत नहीं। 2005 में दाखिल वेस्ट उत्तर प्रदेश शुगर मिल्स एसोसिएशन की याचिका पर फैसला आया है।

मिल मालिकों का कहना था कि कीमत तय करने का हक सिर्फ केंद्र को है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार गन्ना का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) तय करती है। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में मिल एफआरपी देती है। वहीं, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा में प्रदेश सरकार राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी) तय करती है।

आमतौर पर एसएपी केंद्र द्वारा तय एफआरपी से अधिक होता है। जिसको लेकर वेस्ट यूपी शुगर मिल एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अब अपना फैसला सुनाया है। इस फैसले के मुताबिक राज्य सरकार अपने यहां न्यूनतम खरीद कीमत तय कर सकती है। ये कीमत केंद्र की ओर से जारी एफआरपी से अधिक होनी चाहिए।

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