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Sengol In New Parliament: ‘पवित्र सेंगोल को छड़ी बताकर रख दिया गया था, हमने सम्मान दिया’, पीएम मोदी का कांग्रेस पर तीखा वार

modi with adheenam

नई दिल्ली। आज नए संसद भवन का उद्घाटन हो रहा है। नए संसद में सेंगोल को भी स्थापित किया जाएगा। इस सेंगोल के बारे में बताया जा रहा है कि 1947 में अंग्रेजों से आजादी मिलने के पहले तत्कालीन वायसरॉय लॉर्ड माउंटबेटन ने इसे अधीनम के पुरोहितों के जरिए पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू को सौंपा था। सेंगोल को इसके बाद किसी ने नहीं देखा। इस बारे में मशहूर डांसर पद्मा सुब्रहमण्यम ने पीएम नरेंद्र मोदी को जानकारी दी थी। जिसके बाद सेंगोल को तलाशा गया। सेंगोल प्रयागराज के आनंद भवन स्थित म्यूजियम में मिला। इसे वहां नेहरू की वॉकिंग स्टिक बताकर प्रदर्शित किया जा रहा था।

सेंगोल को शनिवार को तमिलनाडु के अधीनम से आए पुजारियों ने पीएम नरेंद्र मोदी को सौंपा। मोदी ने सेंगोल सौंपने वाले पुरोहितों का सम्मान किया और फिर उनको संबोधित भी किया। मोदी ने अपने संबोधन में नाम न लिए बगैर कांग्रेस पर तीखा वार किया। मोदी ने कहा कि आज हमारी सरकार सेंगोल का सम्मान फिर से लौटा रही है। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि पहले इसे आनंद भवन में वॉकिंग स्टिक बताकर रखा गया था। मोदी ने कहा कि आपका ये सेवक और हमारी सरकार अब उस सेंगोल को आनंद भवन से निकाल कर लाई है। आज आजादी के उस पहले पल को नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना के समय हमें फिर से पुनर्जीवित करने का मौका मिला है।

मोदी ने सेंगोल सौंपने आए अधीनम के पुजारियों को संबोधन में ये भी कहा कि आज मेरे निवास स्थान पर आप सभी के चरण पड़े और मेरे लिए ये सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि इससे बहुत खुश हैं कि नए संसद भवन के लोकार्पण पर अधीनम के पुजारी वहां भी आशीर्वाद देंगे।

अब आपको सेंगोल के बारे में भी बता देते हैं। ये करीब 5 फिट लंबा है। इसमें सबसे ऊपर नंदी की मूर्ति बनी है। उसके नीचे ग्लोब जैसा है। जिसमें भारत का झंडा और तमिल में स्वस्तिवचन लिखा है। पूरा सेंगोल 800 ग्राम वजन का है। इसे चांदी से बनाया गया और ऊपर सोने के पत्र लगाए गए हैं। आजाद भारत के पहले गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी के कहने पर अधीनम के पुजारियों ने इसे बनवाया था।

 

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