नई दिल्ली। किसी लिखित पटकथा की भांति आगामी जी-20 के आयोजन से पहले आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर को दहलाने की कोशिश में लगे हैं, लेकिन हमारे सैन्य शूरवीरों की बुद्धिमत्ता का भी कोई जवाब नहीं कि हर बार आतंकियों को मुंह की खानी पड़ी है। हालांकि, राजौरी और पुंछ जैसी त्रासदी से भी हमारे लिए खुद को विमुख करना उचित नहीं रहेगा। हमें इस बात को स्वीकार करना होगा कि किस तरह गत 20 अप्रैल को पुंछ में आतंकियों की टोली ने भारी बारिश और संघन जंगल का फायदा उठाकर जवानों की गाड़ी को निशाना बनाया था, जिसमें हमारे पांच जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे और इसके बाद राजौरी में भी आतंकियों ने अपने नापाक मंसूबों को धरातल पर उतारा था, जिसमें भी हमारे पांच जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे, जिसके बाद घाटी के लोगों के बीच आतंकियों के खिलाफ भारी आक्रोश है। सनद रहे कि इन दोनों विभीषिका के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गत शनिवार को राजौरी दौरे पर गए, जहां उन्होंने सेना को आतंकियों को माकूल जवाब देने की पूरी छूट दे दी है। इस मौके पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और डीजीपी दिलबाग सिंह भी मौजूद रहे।
वहीं, अब इसी बीच आतंकी राजौरी और पुंछ जैसा हमला पुलवामा में करने की फिराक में थे, लेकिन सुरक्षाबलों ने सूझबूझ का सहारा लेकर आतंकियों की मंशा पर पानी फेर दिया। सेना और पुलिस के संयुक्त प्रयास के बल पर आतंकियों के नापाक मंसूबे विफल साबित हुए। बता दें कि सेना ने पुलवामा के पास 5 से 6 किलोग्राम आईईडी बरामद किया है, जिसे आतंकियों द्वारा हमले में प्रयुक्त किए जाने की योजना थी, लेकिन सुरक्षाबलों ने अब इस योजना पर पानी फेर दिया है।
J-K: Major tragedy averted in Pulwama, police recover IED from terror associate
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— ANI Digital (@ani_digital) May 7, 2023
बता दें कि सुरक्षाबलों ने इशफाक नामक शख्स को भी गिरफ्तार किया है। इसे हिरासत में लिया जा चुका है। फिलहाल, इससे पूछताछ का सिलसिला जारी है। उसी की निशानदेही पर सेना ने 5 से 6 किलोग्राम आईईडी बरामद किया है। इसके अलावा सेना ने उत्तरी कश्मीर में सुरक्षा-व्यवस्था बढ़ा दी गई है। ड्रोन से हर गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। हवाई निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। चप्पे –चप्पे पर सेना के जवान तैनात कर दिए गए हैं।
बता दें कि आगामी दिनों में जम्मू-कश्मीर में जी-20 का आयोजन होना है, जिसमें कई देशों के मंत्री शामिल होंगे और जम्मू-कश्मीर में निवेश करने का पूरा खाका तैयार किया जाएगा, लिहाजा कुछ लोगों को यह आयोजन गवारा नहीं गुजर रहा है, जिसे ध्यान में रखते हुए वे लगातार कश्मीर में स्थिति को अशांत का रास्ता करने के लिए आतंकवादियों का सहारा ले रहे हैं। ध्यान रहे कि हर आतंकी घटना में पाकिस्तान का कनेक्शन जरूर सामने आ रहा है। जिस तरह पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो गोवा में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने पहुंचे थे, लेकिन उसी दिन पाकिस्तानी आतंकियों ने राजौरी में भारतीय सेना पर हमला किया, जिसमें हमारे पांच जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे, जिसके बाद केंद्रीय विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद ने स्पष्ट कर दिया था कि अगर पाकिस्तान को हमसे किसी भी विषय पर वार्ता करनी है, तो पहले उसे आतंक के रास्ता का परित्याग करना होगा, तभी भारत उससे वार्ता करने का पर विचार कर सकता है।