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India Energy Forum: भारत का ऊर्जा क्षेत्र पूरी दुनिया को बनाएगा ऊर्जावान- नरेंद्र मोदी

Narendra Modi

नई दिल्ली। तेल व गैस क्षेत्र की प्रमुख वैश्विक कंपनियों के सीईओ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के ऊर्जा क्षेत्र के रोडमैप के बारे में बताया। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर कहा कि भारत ऊर्जा क्षेत्र में लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। दुनिया की प्रमुख तेल और गैस कंपनियों के 45 सीईओ इस मौके पर उपस्थित थे जिनको संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत में ऊर्जा खपत दोगुनी होने की राह पर है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और तेजी से बढ़ता हुआ एविएशन मार्केट बन चुका है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे बोलते हुए कहा कि 2030 तक 450 गीगावाट अक्षय ऊर्जा पैदा करने का लक्ष्य सरकार ने तय किया है। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने आगे बताया कि औद्योगिक देशों के मुकाबले भारत सबसे कम कार्बन उत्सर्जन करता है। साल 2025 तक भारत की रिफाइनरी क्षमता 250 से बढ़कर 400 एमएमटी हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि देश में गैस का उत्पादन बढ़ाना सरकार की प्राथमिकताओं में है। सरकार की योजना है कि देश मे वन नेशन, वन गैस ग्रिड बनाया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर ले जाया जा रहा है।

कोरोना काल में सरकार की तरफ से ऊर्जा के क्षेत्र में उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि साल 2020 में अब तक इस क्षेत्र से मांग करीब एक तिहाई कम हो गई है। वहीं, अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में भी इसकी कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। कोरोनावायरस के कारण ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े फैसले भी प्रभावित हुए हैं। ऊर्जा क्षेत्र में भारत की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में पीएम मोदी ने बताया कि इस साल जून में भारत का पहला ऑटोमेटेड नेशनल लेवल गैस ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म लांच किया जा चुका है। भारत लगातार आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहा है। भारत ने 100 फीसदी इलेक्ट्रिफिकेशन और एलपीजी कवरेज के लक्ष्य को हासिल कर लिया है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि पिछले 3 साल में 36 करोड़ से जयादा एलईडी बल्ब सरकार के द्वारा बांटे जा चुके हैं। ताकि इसकी वजह से बिजली की खपत कमी लाई जा सके और इसमें बड़ी कामयाबी भी मिली है। वैश्विक लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए भारत ऊर्जा क्षेत्र में काम कर रहा है। वैश्विक समुदाय के प्रति भारत ने जो प्रतिबद्धता जताई है, उसी दिशा में काम चल रहा है। साल 2022 तक 175 गीगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन करने का लक्ष्य बनाया गया है, जिसे आगे बढ़ाकर साल 2030 तक 450 गीगावाट उत्पादन करना है।

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