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Eknath Shinde: शिवसेना का दावा- शिंदे गुट में कोई नाराजगी नहीं, एकनाथ बोले- सीएम पद छोड़ने की झूठी खबरें फैलाई जा रहीं

eknath shinde

मुंबई। एनसीपी में शरद पवार और अजित पवार के बीच जारी जंग के बीच बुधवार को ऐसी चर्चा थी कि ताजा सियासी घटनाक्रम से महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार को खतरा है। पहली चर्चा ये थी कि शिंदे गुट के 15 विधायक फिर उद्धव ठाकरे के खेमे में जा सकते हैं। वहीं, एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेता संजय शिरसाट ने बयान दिया था कि अजित पवार और उनके साथियों को महाराष्ट्र सरकार में लिए जाने से शिंदे गुट के कई नेता नाराज हैं। शिरसाट का कहना था कि नाराज नेताओं को लग रहा है कि उनको सरकार से जो हासिल होना था, वो अब नहीं होगा। इस बयान के बाद बुधवार देर शाम को ही सीएम एकनाथ शिंदे ने अपने विधायकों, सांसदों और अन्य पदाधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक में शिंदे ने कहा कि उनके सीएम का पद छोड़ने की बातें सिरे से गलत हैं। एकनाथ शिंदे ने अपने साथी नेताओं से कहा कि वो उनको बीच मझधार नहीं छोड़ेंगे। सीएम शिंदे ने ये भी कहा कि 2024 में भी वो सीएम रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनके बारे में कौन ऐसी झूठी खबरें फैला रहा है, ये सबको पता है।

बैठक के बाद शिंदे सरकार में कद्दावर मंत्री शंभुराजे देसाई और उदय सामंत ने भी मीडिया को यही बात कही। शंभुराजे देसाई ने कहा कि सीएम एकनाथ शिंदे के इस्तीफे का सवाल ही नहीं है। देसाई ने कहा कि सरकार को 200 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। उन्होंने कहा कि शिंदे गुट का कोई भी नेता नाराज नहीं है और सभी को उनपर भरोसा है।

वहीं, उदय सामंत ने एकनाथ शिंदे की बैठक के बाद कहा कि वहां सभी विधायक, सांसद, एमएलसी वगैरा थे। विकास के कार्यों और संगठन को आगे ले जाने पर बात हुई। उदय सामंत ने भी इससे इनकार किया कि एनसीपी के साथ आने से शिंदे गुट में कोई नाराजगी है।

वहीं, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भी एकनाथ शिंदे की शिवसेना में नाराजगी या उनको सीएम पद से हटाए जाने की चर्चाओं को गलत बताया। बावनकुले ने कहा कि शिंदे हमारे गठबंधन के सीएम हैं और सभी अटकलें गलत हैं।

बहरहाल, अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि शरद पवार से अजित पवार के अलग होने के बाद अब महाराष्ट्र सरकार का ऊंट किस करवट बैठता है। एकनाथ शिंदे ने साफ कह ही दिया है कि वो न तो सीएम का पद छोड़ेंगे और न ही शिवसेना कमजोर हुई है। बीजेपी भी सभी चर्चाओं को गलत बता रही है। फिलहाल तो नेताओं के बयानों पर ही भरोसा करना होगा। हालांकि, राजनीति का ऊंट कभी और किसी भी करवट बैठ सकता है।

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