रांची। झारखंड में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। इससे पहले बीजेपी ने बड़ा एलान किया है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अगर झारखंड में बीजेपी की सरकार बनी, तो वहां एनआरसी कराई जाएगी। शिवराज सिंह चौहान का ये बयान इस मायने में अहम है, क्योंकि गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने पिछले संसद सत्र के दौरान लोकसभा में कहा था कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठिए बढ़ रहे हैं और इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार को कदम उठाना चाहिए। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी भी यही मुद्दा झारखंड की कई जनसभाओं में उठा चुके हैं।
शिवराज सिंह चौहान झारखंड के चुनाव प्रभारी भी हैं। शिवराज सिंह चौहान ने झारखंड में एनआरसी कराने का एलान करते हुए कहा है कि वहां नागरिकता रजिस्टर बनेगा और विदेशी घुसपैठियों को बाहर निकाला जाएगा। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस बार झारखंड को बचाने का चुनाव है और ये सिर्फ सीएम बनाने या किसी पार्टी को सत्ता देने का मामला भर नहीं है। शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से झारखंड में समाज की स्थिति यानी डेमोग्राफी बदल रही है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बीजेपी झारखंड की बेटी, माटी और रोटी की रक्षा करना चाहती है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि झारखंड के संथाल परगना में आदिवासियों की जनसंख्या पहले 44 फीसदी थी, लेकिन अब ये घटकर 28 फीसदी ही रह गई है।
#WATCH | Ranchi | On BJP’s election manifesto in Jharkhand, Union Minister and Incharge for Jharkhand Assembly elections, Shivraj Singh Chouhan says, “BJP is going to release its election manifesto. This election is not only about making someone a CM or of power, but it is about… pic.twitter.com/mmMKU0Mvkh
— ANI (@ANI) October 7, 2024
शिवराज सिंह चौहान ने ये दावा भी किया कि बांग्लादेश के घुसपैठियों के कारण झारखंड में हिंदू आबादी भी कम हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि घुसपैठियों के आधार और वोटर आईडी बनाकर हेमंत सोरेन की महागठबंधन सरकार उनको संरक्षण दे रही है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि झारखंड की आदिवासी बेटियों को जाल में फंसाकर उनसे शादी किया जा रहा है और इस तरह जमीनों पर कब्जे की घटनाएं भी हो रही हैं। बता दें कि निशिकांत दुबे ने झारखंड के गोड्डा जिले की तमाम ऐसी जगहों का नाम भी लोकसभा में लिया था, जहां डेमोग्राफी बदली है। उन्होंने एक प्रधान का मसला भी उठाया था। जो आदिवासी थीं और मुस्लिम से शादी की।