नई दिल्ली। लखनऊ की अदालत के भीतर घुसकर जिस संजीव जीवा हत्याकांड को हाल ही के दिनों में अंजाम दिया गया था उसी मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक शूटर विजय यादव ने पुलिस को भ्रामक जानकारी दी है। लखनऊ जेल में आतिफ नाम के चार कैदियों की गिरफ्तारी हुई है, लेकिन उनमें से किसी के भाई का नाम अशरफ नहीं है, जैसा कि विजय यादव ने दावा किया था।
इसके अलावा, सूत्रों के मुताबिक, जेल के अंदर दाढ़ी खींचने या किसी और विवाद की कोई घटना नहीं हुई है। किसी भी प्रकार की घटना की सूचना नहीं मिली है। खबरों के मुताबिक, बद्दो जिसे शाहनवाज के नाम से भी जाना जाता है, उसने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है और कई सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की है। पुलिस और जांच एजेंसियों को इस बात से चिंता है कि क्या बद्दो ने उन सबूतों को मिटा दिया है जो उसके खिलाफ हो सकते थे।
इससे पहले कि उसकी गिरफ्तारी हो, वो उन सबूतों को मिटाता रहा होगा। यह संदेहनापूर्ण है कि कितने सबूत उसने नष्ट किए है। पुलिस के मुताबिक, अब तक उसके फोन नंबर के जरिए प्राप्त हुई सभी जानकारी को इकट्ठा कर लिया गया है, लेकिन बद्दो ने कुछ और नंबर भी उपयोग के लिए रखे हैं। इन नंबरों की ट्रेल का पता लगाने के लिए साइबर एक्सपर्ट की सहायता ली जा रही है। उनके द्वारा जांच की जा रही है कि ये नंबर किसके हैं और क्या इनसे बद्दो ने बातचीत की है।