नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड सौरव गांगुली इन दिनों चर्चा में बने हुए हैं। बीते दिनों खबर आई थी कि सौरव गांगुली बीसीसीआई का अध्यक्ष पद छोड़ सकते हैं हालांकि गांगुली की तरफ से इस बात को लेकर कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं आई है लेकिन इस मुद्दे को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। इसी मुद्दे को भुनाते हुए पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा है और कहा है कि गांगुली राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार हुए हैं और भाजपा उन्हें जानबूझकर परेशान कर रही हैं।
राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार हो रहे गांगुली
भाजपा पर निशाना साधते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता शांतनु सेन ने कहा कि बीजेपी लगातार सौरव गांगुली को पार्टी में शामिल करना चाह रही थी। उन्होंने कहा कि गांगुली के आवास पर कुछ दिन पहले अमित शाह जी आए थे और वो लगातार गंभीर को पार्टी में शामिल करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन शायद गांगुली बीजेपी का हिस्सा नहीं बनना चाहते थे इसलिए उन्होंने इनकार कर दिया। गांगुली बंगाल से है और यही वजह भी हो सकती है। क्रिकेटर इनकार की वजह से राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार हुए हैं। ये पहला मौका नहीं है जब गांगुली को लेकर राजनीति हो रही हो। इससे पहले भी पार्टी पर क्रिकेटर का अपमान करने की कोशिश का आरोप लगा है।
गांगुली का अपमान करने की कोशिश
इससे पहले टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा था कि इस तरह की अटकलों पर हमारा कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा। इस मुद्दे पर सफाई देने की जवाबदेही भाजपा की है। भाजपा की चुनाव से पहले ही इस तरह का प्रोपेगैंडा चला रही है कि इसलिए कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा लेकिन ऐसा लग रहा है कि पार्टी जानबूझकर सौरव गांगुली का अपमान कर रही हैं। गौरतलब है कि बीते दिनों खबर आई थी कि सौरव गांगुली बीसीसीआई का अध्यक्ष पद छोड़ सकते हैं और उनकी जगह पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉजर बिन्नी ले सकते हैं।