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Dungarpur Case : डूंगरपुर मामले में सपा नेता आजम खान को सात साल की सजा, आठ लाख रुपए का जुर्माना

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। रामपुर के चर्चित डूंगरपुर मामले में यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम को एमपी एमएलए कोर्ट ने 7 साल की सजा के साथ आठ लाख का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने आज आजम खान सहित 4 दोषियों को सजा सुनाई है जबकि 3 आरोपियों को दोषमुक्त भी किया है। आपको बता दें कि बीती 16 मार्च को अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था। जिस पर आज सुनवाई के दौरान आजम को कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश किया गया। इस मामले में पूर्व सीओ सिटी आले हसन खान, पूर्व पालिका अध्यक्ष अजहर अहमद खान और ठेकेदार बरकत अली को भी सजा के साथ जुर्माना लगाया गया है। वहीं सपा नेता ओमेंद्र चौहान, फरमान और जिबरान को बरी कर दिया गया। वहीं दूसरी तरफ मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।

सपा सरकार में डूंगरपुर में विभागीय योजना के तहत आसरा आवास बनाए गए थे। इस स्थान पर पहले से ही कुछ मकान बने हुए थे। जिन्हें सरकारी जमीन पर बताकर साल 2016 में ध्वस्त किया गया था। साल 2019 में भाजपा सरकार आने पर गंज थाने में इस मामले में एक दर्जन से ज्यादा अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए थे। इन मुकदमों में आरोप था कि सपा सरकार में आजम खान के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था। गौरतलब है कि आजम खान को अब तक पांच मामलों में सजा हो चुकी है। बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में भी उन्हें पांच माह पहले सात साल की सजा हुई थी। उस मामले में वह सीतापुर की जेल में बंद हैं। उनकी पत्नी पूर्व सांसद तजीन फात्मा और बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को भी सात साल की सजा पहले ही हो चुकी है।

दूसरी तरफ रामपुर जिले में तत्कालीन यूपी सरकार ने एक जमीन 99 साल की लीज पर मौलाना मोहम्मद जौहर ट्रस्ट को दी थी लेकिन यूपी में बीजेपी की सरकार आने के बाद उस जमीन की लीज रद्द कर दी गई। इसके बाद वहां संचालित हो रहे रामपुर पब्लिक स्कूल को बंद करने का आदेश दिया गया। लेकिन जौहर ट्रस्ट ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिसके निर्देश पर इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट में हो चल रही थी।

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