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Punjab: सुखपाल सिंह खेरा पर फिर गिरी गाज, 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे गए कांग्रेस नेता

सुखपाल सिंह खेरा 2007 में कांग्रेस से विधायक चुने गए थे। इसके बाद वो 2005 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए। वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़कर उन्होंने पंजाब एकता दल नामक पार्टी का गठन किया।

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खेरा की गिरफ्तारी के बाद पंजाब की राजनीति में उथल-पुथल का दौर जारी है। बीते दिनों सुखपाल को पुलिस ने ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद पहले उन्हें दो दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया था। वहीं, अब खबर है कि उन्हें सात दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है, जहां उनसे मामले के संदर्भ में विस्तृत पूछताछ की जाएगी। बता दें कि यह उनकी दूसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले उन्हें 2021 में ड्रग्स तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। तब उन्हें जमानत मिल गई थी, लेकिन इस बार वो ड्रग्स मामले में बुरी तरह फंसते हुए नजर आ रहे हैं। बता दें कि उन्हें एनडीपीएस मामले में गिरफ्तार किया गया है। वहीं, मीडिया से बात करते हुए सुखपाल सिंह खेरा ने कहा कि सिर्फ एक फोन कॉल के आधार पर मुझे गिरफ्तार कर लिया गया था। उस वक्त मैं आम आदमी पार्टी में था, लेकिन मेरे खिलाफ यह कार्रवाई की गई, जो कि उचित नहीं है। हालांकि, मैं निर्दोष हूं और हर प्रकार की कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हूं। उस वक्त भगवंत मान मेरे साथ बैठते थे और मैं उनका समर्थन भी करता था।

उधर, सुखपाल की गिरफ्तारी की राजनीतिक प्रतिशोध बताने से आम आदमी पार्टी ने मना कर दिया है। आप का कहना है कि यह राजनीतिक प्रतिशोध का मामला नहीं है, बल्कि ड्रग्स मामले में सुखपाल सिंह खेरा नाम सामने आया है, जिसके बाद उनके खिलाफ यह कदम उठाया गया है। सुखपाल की गिरफ्तारी के बाद कयास लगने लगे कि इंडिया गठबंधन में दरार पैदा हो सकती है। सुखपाल कांग्रेस में हैं, तो कांग्रेस आप के खिलाफ मोर्चा खोल सकती है, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं है। कांग्रेस और आप ने एकजुट होकर इंडिया गठबंधन द्वारा निर्मित सिद्धांतों का पालन करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है, जिससे एक बात साफ हो गई है कि सुखपाल की गिरफ्तारी से इंडिया गठबंधन में दरार पैदा होने की कोई संभावना नहीं है।

बता दें कि सुखपाल सिंह खेरा 2007 में कांग्रेस से विधायक चुने गए थे। इसके बाद वो 2005 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए। वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़कर उन्होंने पंजाब एकता दल नामक पार्टी का गठन किया। इसके बाद वो 2021 में फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए। इस बीच ड्रग्स मामले में हुई गिरफ्तारी के बाद पंजाब में सियासी हलचल तेज हो चुकी है। बहरहाल, अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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