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Electoral Bonds : सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से पूछा, क्यों नहीं जारी किए बॉन्ड के यूनिक नंबर, जानकारी सार्वजनिक करने का दिया आदेश

Electoral Bonds : चुनाव आयोग ने कोर्ट से इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधी सीलबंद दस्तावेज वापस मांगे। चुनाव आयोग ने कहा कि उसने इसकी कॉपी नहीं रखी थी इसलिए उसे दस्तावेज वापस कर दिए जाएं। इस पर अदालत ने आदेश दिया कि सील कवर में रखा गया डेटा चुनाव आयोग को दिया जाए, क्योंकि उनको इसे अपलोड करना है।

नई दिल्ली। इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को एक और नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पूछा है कि बॉन्ड के अल्फा न्यूमेरिक नंबरों का खुलासा क्यों नहीं किया गया। अदालत ने एसबीआई को बॉन्ड नंबर का खुलासा करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि बॉन्ड के यूनिक नंबरों से पता चल सकेगा कि किस दानदाता ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया। अब मामले में अगली सुनवाई सोमवार 18 मार्च को होगी।

वहीं मामले की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कोर्ट से इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधी सीलबंद दस्तावेज वापस मांगे। चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों से लिए साल 2019 से पहले के चंदे की जानकारी उसने सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में दे दी थी, उसने इसकी कॉपी नहीं रखी थी इसलिए उसे दस्तावेज वापस कर दिए जाएं। इस पर अदालत ने आदेश दिया कि सील कवर में रखा गया डेटा चुनाव आयोग को दिया जाए, क्योंकि उनको इसे अपलोड करना है।

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को बान्ड की खरीद और भुनाने के संबंध में पहले से बताए गए विवरणों के अलावा, चुनावी बान्ड संख्या यानी यूनिक नम्बर का भी खुलासा करना होगा। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च को केस की सुनवाई के दौरान एसबीआई को फटकार लगाते हुए पूछा कि अभी तक आपने क्या किया, इसके साथ ही कोर्ट ने अगले दिन यानि 12 मार्च तक चंदे से जुड़ी जानकारी देने का आदेश दिया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि चुनावी चंदे से संबंधित सारी जानकारी को इकट्ठा कर 15 मार्च की शाम 5 बजे तक इसे वेबसाइट पर अपलोड करे। हालांकि चुनाव आयोग की ओर से 14 मार्च की रात को ही चंदे से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक कर दी गई।

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