नई दिल्ली। इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को एक और नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पूछा है कि बॉन्ड के अल्फा न्यूमेरिक नंबरों का खुलासा क्यों नहीं किया गया। अदालत ने एसबीआई को बॉन्ड नंबर का खुलासा करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि बॉन्ड के यूनिक नंबरों से पता चल सकेगा कि किस दानदाता ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया। अब मामले में अगली सुनवाई सोमवार 18 मार्च को होगी।
Electoral Bonds: Supreme Court says SBI has not disclosed the numbers of the electoral bonds, which it had to do https://t.co/s5Jfkv8J1f
— ANI (@ANI) March 15, 2024
वहीं मामले की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कोर्ट से इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधी सीलबंद दस्तावेज वापस मांगे। चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों से लिए साल 2019 से पहले के चंदे की जानकारी उसने सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में दे दी थी, उसने इसकी कॉपी नहीं रखी थी इसलिए उसे दस्तावेज वापस कर दिए जाएं। इस पर अदालत ने आदेश दिया कि सील कवर में रखा गया डेटा चुनाव आयोग को दिया जाए, क्योंकि उनको इसे अपलोड करना है।
Electoral Bonds | Supreme Court allows the request of ECI to return the data for being uploaded on the website.
Supreme Court says Registrar Judicial of the apex court to ensure that documents are scanned and digitised and once the exercise is complete the original documents… pic.twitter.com/W7rOJVPNDp
— ANI (@ANI) March 15, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को बान्ड की खरीद और भुनाने के संबंध में पहले से बताए गए विवरणों के अलावा, चुनावी बान्ड संख्या यानी यूनिक नम्बर का भी खुलासा करना होगा। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च को केस की सुनवाई के दौरान एसबीआई को फटकार लगाते हुए पूछा कि अभी तक आपने क्या किया, इसके साथ ही कोर्ट ने अगले दिन यानि 12 मार्च तक चंदे से जुड़ी जानकारी देने का आदेश दिया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि चुनावी चंदे से संबंधित सारी जानकारी को इकट्ठा कर 15 मार्च की शाम 5 बजे तक इसे वेबसाइट पर अपलोड करे। हालांकि चुनाव आयोग की ओर से 14 मार्च की रात को ही चंदे से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक कर दी गई।
VIDEO | Electoral bonds: “The court raised the issue of the information submitted by the State Bank (SBI) to the Election Commission about the particulars of the bonds. They said that this information didn’t include the alpha-numeric number of the bonds,” says advocate Prashant… pic.twitter.com/JRzHLbZmqJ
— Press Trust of India (@PTI_News) March 15, 2024