News Room Post

Supreme Court Formed Independent SIT To Investigate Tirupati Laddu Case : तिरुपति लड्ड मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने गठित की स्वतंत्र एसआईटी

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद के लड्डू मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट ने एक स्वतंत्र विशेष जांच दल से कराने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस स्वतंत्र एसआईटी में 2 सीबीआई के सदस्य, 2 आंध्र प्रदेश राज्य पुलिस के सदस्य और 1 एफएसएसएआई सदस्य शामिल होंगे। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि एसआईटी जांच की निगरानी सीबीआई निदेशक करेंगे। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि हम अदालत को राजनीतिक युद्ध के मैदान के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देंगे। अभी तक इस मामले की जांच आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआईटी कर रही थी मगर अब शीर्ष अदालत ने नई स्वतंत्र एसआईटी को सौंप दिया है।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/BREAKING?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw”>#BREAKING</a> <a href=”https://twitter.com/hashtag/SupremeCourt?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw”>#SupremeCourt</a> shifts the investigation into <a href=”https://twitter.com/hashtag/TirumalaLadduControversy?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw”>#TirumalaLadduControversy</a> from the AP SIT to a court formed committee consisting of 2 officers from the CBI, 2 officers from AP police and 1 senior officer from FSSAI. Committee to be under CBI director&#39;s supervision <a href=”https://t.co/Y9G1QquOnZ”>pic.twitter.com/Y9G1QquOnZ</a></p>&mdash; Bar and Bench (@barandbench) <a href=”https://twitter.com/barandbench/status/1842076691432157550?ref_src=twsrc%5Etfw”>October 4, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने तिरूपति लड्डू से संबंधित मामले की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। इससे पहले 30 सितंबर को पिछली सुनवाई के दौरान आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा की गई सार्वजनिक टिप्पणियों की कोर्ट ने आलोचना की थी। अदालत ने सीबीआई जांच की आवश्यकता पर केंद्र की राय भी मांगी थी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि अगर इस मामले में जरा सी भी सच्चाई है तो वह अस्वीकार्य है।

एसजी ने दलील दी कि एसआईटी की निगरानी किसी वरिष्ठ केंद्रीय अधिकारी द्वारा की जाए तो इससे विश्वास कायम रहेगा। वहीं जस्टिस गवई के आदेश के बाद याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल ने कहा, यह उचित इसमें किसी को समस्या नहीं होनी चाहिए। गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने दावा किया था कि पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के कार्यकाल में तिरुपति मंदिर के प्रसादम लड्डू में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला ने तिरुमाला लड्डू बनाने में मिलावट की पुष्टि की।

Exit mobile version