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Maharahstra: चले थे ठाकरे शिंदे को सबक सिखाने लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव गुट को दिया तगड़ा झटका, बागियों को मिली बड़ी राहत

नई दिल्ली। महाराष्ट्र का राजनीतिक बवाल अब सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर दस्तक दे चुका है। अभी तक महाराष्ट्र में जारी सियासी राह महज सियासी दलों के मध्य ही सीमित था, लेकिन अब कोर्ट इस पूरे मामले में अहम भूमिका निभा सकती है। दरअसल, प्रदेश में जारी सियासी बवाल के बीच शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर आज सुनावई हुई। वहीं, सुनवाई के उपरांत कोर्ट ने क्या कुछ फैसला दिया है और आगामी दिनों में इसका महाराष्ट्र की राजनीति की रूपरेखा तय करने में कैसी भूमिका रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। लेकिन, आइए उससे पहले ये जान लेते हैं कि कोर्ट ने शिंदे की याचिका पर क्या कुछ फैसला दिया है।

बता दें कि शिंदे की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अजय कुमार चौधरी, केंद्र सरकार, डिप्टी स्पीकर को नोटिस जारी किया है, जिसमें उनसे तीन दिनों के दरम्यान जवाब दाखिल करने को कहा गया है। ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट के इसी नोटिस ने पूरे महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य को अहम मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है। दरअसल, याचिका में सभी पक्षों से सवाल किए गए हैं। उधर, अजय कुमार चोधरी को जारी की गई याचिका में सवाल किया गया है कि आखिर बागी विधायकों ने उनके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया था, तो फिर ऐसे में डिप्टी स्पीकर ने कैसे उसे बिना विधानसभा में रखे खारिज कर दिया? कोर्ट में बागी विधायकों के अधिवक्ता ने कहा कि डिप्टी स्पीकर की भूमिका संदिग्ध लग रही है। ऐसे में वह उनको अयोग्य करार कैसे दे सकते हैं। वहीं, अन्य पक्षों से भी याचिका के मार्फत जवाब मांगा गया है।

इन सभी को आगामी तीनों के दरम्यान जवाब दाखिल करना होगा। ऐसे में देखना होगा कि इनकी क्या प्रतिक्रिया क्या रहती है। बता दें कि कोर्ट ने आगामी 11 जुलाई को सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है। ऐसे में कोर्ट की तरफ से क्या कुछ फैसला आता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। उधर, शिंदे गुट की ओर से दावा किया जा रहा है कि उनके पाले में 39 से भी ज्यादा विधायक हैं। जिससे महाराष्ट्र की उद्धव सरकार अल्पमत में आ चुकी है, लिहाजा बताया जा रहा है कि उनके पास सत्ता में रहने का कोई नैतिक हक नहीं है। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। लेकिन, प्रदेश की मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य को देखकर माना जा रहा है कि अब आगामी दिनों में फ्लोर टेस्ट देखने को मिलेगा। हालांकि, इससे पहले उद्धव गुट की ओर से भी फ्लोर टेस्ट के संकेत दिए जा चुके हैं। ऐसे में देखना होगा कि फ्लोर टेस्ट के उपरांत क्या प्रदेश की राजनीति क्या कुछ रुख अख्तियार करती है। यह देखने वाली बात होगी।

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