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Waqf Amendment Act 2025: वक्फ संशोधन एक्ट 2025 पर कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, याचिकाकर्ताओं ने केंद्र के खिलाफ अब दी ये दलील

Waqf Amendment Act 2025: याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वो वक्फ संशोधन एक्ट पर रोक लगाए। उनका कहना है कि इस एक्ट से 125 साल पुरानी कानूनी स्थिति बदल रही है। साथ ही मुस्लिमों के लिए अपने मसले तय करना भी नहीं हो रहा है। इससे पहले केंद्र सरकार ने 25 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में प्राथमिक हलफनामा दिया था। अपने हलफनामे में केंद्र ने वक्फ संशोधन एक्ट 2025 को सही बताया था। अब सबकी नजर सोमवार को होने वाली सुनवाई पर है।

नई दिल्ली। वक्फ संशोधन एक्ट 2025 पर कल यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होनी है। इससे पहले वक्फ संशोधन एक्ट को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया गया है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि केंद्र सरकार का ये दावा गलत है कि साल 2013 से वक्फ संपत्तियों में 116 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि केंद्र ने जिन संपत्तियों को नया बताया है, उनका रजिस्ट्रेशन 2013 से पहले हुआ था और वक्फ ऐसेट मैनेजमेंट सिस्टम यानी वामसी पोर्टल पर इनको बाद में दर्ज किया गया। वक्फ संशोधन एक्ट को चुनौती देने वालों ने कहा कि ऐसा लगता है कि वामसी पोर्टल के प्रभारी सरकारी अफसर ने जानबूझकर ऐसा किया।

याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वो वक्फ संशोधन एक्ट पर रोक लगाए। उनका कहना है कि इस एक्ट से 125 साल पुरानी कानूनी स्थिति बदल रही है। साथ ही मुस्लिमों के लिए अपने मसले तय करना भी नहीं हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने विस्तृत जवाब में कहा है कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2025 में 665476 वक्फ संपत्तियां थीं। जबकि, देश के सभी वक्फ बोर्डों के सीईओ ने बताया है कि सिर्फ 330008 संपत्तियां ही हैं। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि चैरिटी इस्लाम का मूलभूत सिद्धांत है और समुदाय के तौर पर संपत्तियों का प्रबंधन इसमें शामिल है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार सिर्फ कानून-व्यवस्था, स्वास्थ्य और नैतिकता के मसलों पर ही हस्तक्षेप कर सकती है। जो वक्फ मामले में नहीं हैं।

इससे पहले केंद्र सरकार ने 25 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में प्राथमिक हलफनामा दिया था। अपने हलफनामे में केंद्र ने वक्फ संशोधन एक्ट 2025 को सही बताया था। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल प्राथमिक हलफनामे में कहा था कि आजादी से पहले 18 लाख एकड़ जमीन वक्फ के पास थी। जबकि, 2013 से 2024 तक 20 लाख एकड़ और जमीन वक्फ बोर्डों ने ली है। केंद्र सरकार ने कहा था कि ये 116 फीसदी की बढ़ोतरी है और अचरज पैदा करती है। केंद्र सरकार का ये भी कहना है कि नया वक्फ एक्ट इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि सरकारी और निजी जमीन पर कब्जा किए जाने की शिकायतें भी मिल रही हैं।

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