नई दिल्ली। ढाई किलो का हाथ वाला सनी देओल का डायलॉग तो आपने कई बार गुस्साए लोगों की जुबान से सुना होगा, लेकिन अब सनी देओल के एक और मशहूर डायलॉग की गूंज सुप्रीम कोर्ट में सुनाई दी है। ये डायलॉग फिल्म ‘दामिनी’ में सनी देओल ने बोला था। दामिनी में सनी वकील बने थे। उन्होंने कोर्ट में लगातार तारीखें पड़ने पर कहा था, ‘तारीख पे तारीख मिलती है, लेकिन न्याय नहीं मिला।’ सनी के इसी डायलॉग को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के भरे कोर्टरूम में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने भी बोल दिया। वो वकीलों की तरफ से ज्यादातर मामलों में तारीख मांगने से नाराज दिखाई दिए।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में तारीख पर तारीख की परिपाटी बदलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वकील आकर अगली तारीख मांग लेते हैं, लेकिन उनको शायद पता नहीं कि जज देर रात तक जागकर अगले दिन सुनवाई के लिए पेश होने वाले मुकदमों की फाइलों का अध्ययन करते हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं खुद रात साढ़े तीन बजे उठता हूं। उठकर सारे केस की फाइलें गौर से पढ़ता हूं। उन्होंने अपनी नाराजगी इस पर भी जताई कि कई बार देर रात में केस की लिस्टिंग की जाती है। पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी जज ने सनी देओल के फेमस डायलॉग का उद्धरण कोर्ट और वो भी सुप्रीम कोर्ट में दिया है।
बता दें कि देश की अदालतों में करीब 5 करोड़ मुकदमे लंबित हैं। इनमें से 1 लाख मुकदमे 30 साल से ज्यादा वक्त से चल रहे हैं। सभी हाईकोर्ट मिलाकर 59 लाख मामले हैं। इनमें से 13 लाख मामले 10 साल से ज्यादा पुराने हैं। बात सुप्रीम कोर्ट की करें, तो यहां 70000 से ज्यादा केस चल रहे हैं। इनमें से 10000 केस में 10 साल से ज्यादा वक्त से सुनवाई चल रही है। माना जा रहा है कि अब जस्टिस चंद्रचूड़ के ताजा रुख के बाद केसेज की सुनवाई और उनके फैसले में तेजी आएगी।