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UP Madarsa Survey: यूपी के मदरसों में अब विषयों और किताबों का भी होगा सर्वे, पहले 8000 से ज्यादा मदरसे बिना मान्यता के मिले थे

yogi madarsa

लखनऊ। यूपी में मदरसों का सर्वे पूरा हो चुका है। इस सर्वे से पता चला था कि 8000 से ज्यादा मदरसे बिना मान्यता के हैं। बिना मान्यता वालों में दुनियाभर में मशहूर देवबंद का दारुल उलूम मदरसा भी है। मदरसों के भौतिक सत्यापन के बाद अब यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के निर्देश पर मदरसों का नया सर्वे होगा। अब योगी सरकार के निर्देश हैं कि मदरसों में पढ़ाए जाने वाले विषयों का भी सर्वे किया जाए। सर्वे में ये भी देखा जाएगा कि मदरसा छात्रों को किस विषय की कितनी किताबें मुफ्त में दी गई हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव के निर्देश पर सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से इस बारे में जानकारी पाठ्यपुस्तक अधिकारी डॉ. पवन कुमार ने नवंबर के पहले हफ्ते में ही भेजने के लिए कहा है।

जानकारी के मुताबिक योगी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने मदरसों में बांटी जाने वाली किताबों के बारे में निर्देश दिए थे। उन्होंने इन किताबों का प्रारूप बदलने के लिए कहा था। मंत्री ने कहा था कि मदरसे के छात्रों को एनसीईआरटी किताबें पढ़ाई जाएं। इनके लिए उनके पैरेंट्स के बैंक खातों में रकम भेजी जाए। ये निर्देश ठीक से अमल में नहीं लाए जाने की बात सामने आ रही है। ऐसे में विषयों और किताबों का सर्वे करने का काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ विभाग के विशेष सचिव एके सिंह ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक को चिट्ठी भेजी है। इसमें कहा गया है कि सर्वशिक्षा अभियान में 558 मान्यता प्राप्त और अनुदान पाने वाले यूपी के मदरसों में 8वीं तक के छात्रों को मुफ्त में किताबें दी जा रही हैं। उनके पैरेंट्स के खातों में किताबों के एवज में रकम डालने से इसका दुरुपयोग हो सकता है। ऐसे में रकम भेजने के फैसले पर फिर से विचार किया जाएगा। एके सिंह ने जानना चाहा है कि अनुदान पाने वाले मदरसों में किन विषयों की कितनी किताबें छात्रों को दी गई हैं। साथ ही हर जिले में उर्दू में कितनी किताबें बांटी गई हैं। सर्वे में उर्दू भाषा की किताबों, अन्य भाषा की किताबों की संख्या बताने के लिए कहा गया है।

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