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Swami Prasad Maurya: अखिलेश यादव से मतभेद के कारण स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी से दिया इस्तीफा, यूपी का एमएलसी पद भी छोड़ा

लखनऊ। आखिरकार स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज समाजवादी पार्टी को अलविदा कह दिया। स्वामी प्रसाद मौर्य ने एमएलसी सीट भी छोड़ दी है। स्वामी प्रसाद मौर्य के बारे में बताया जा रहा है कि वो अब नई पार्टी बनाएंगे। स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते दिनों अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखकर कहा था कि उनके बयानों को पार्टी के लोग निजी बता देते हैं। जबकि, अन्य महासचिव और नेताओं के बयानों को पार्टी का अधिकृत बयान कहा जाता है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस पर हैरत जताई थी। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि पार्टी बनाने के फैसले का एलान करेंगे। उन्होंने कहा कि जब रणभेरी बज चुकी है तो समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की लड़ाई वो जारी रखेंगे।

अपने इस्तीफे में स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव के लिए लिखा है कि आपके नेतृत्व में सौहार्दपूर्ण वातावरण में काम करने का मौका मिला, लेकिन 12 फरवरी को हुई बातचीत और 13 फरवरी को जो चिट्ठी लिखी, उसके बाद किसी तरह की बातचीत की पहल न होने के कारण मैं समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने इस्तीफे के बाद ये भी कहा कि अखिलेश यादव से उनका मनभेद नहीं है, बल्कि वैचारिक मतभेद है। इससे पहले सोमवार को अखिलेश यादव ने कहा था कि किसी व्यक्ति के मन में क्या है, ये कोई नहीं जानता। उन्होंने कहा था कि हर कोई सिर्फ फायदे के लिए भाग रहा है।

अखिलेश के इस बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने पलटवार कर बयान दिया था कि अखिलेश जी मुझे कुछ नहीं दे सकते। न वो राज्य और न ही केंद्र सरकार में हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि जो भी अखिलेश यादव ने मुझे दिया है, वो सब मैं वापस करूंगा। इसके बाद ही आज उन्होंने समाजवादी पार्टी की सदस्यता और एमएलसी की सीट भी छोड़ दी। स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस और हिंदू धर्म के बारे में लगातार विवादित बयान देते रहे। सपा के प्रवक्ता आईपी सिंह और अन्य ने इसका विरोध किया था। अखिलेश के करीबी विधायक मनोज पांडेय ने बीते दिनों कह दिया था कि स्वामी प्रसाद मौर्य का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। इसी के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने लंबी चिट्ठी अखिलेश को लिखी थी और तमाम सवाल उठाए थे।

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