नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिलाओं के उत्पीड़न में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए चेतावनी दी है कि उन्हें सरकारी नौकरियों से वंचित कर दिया जाएगा। सीएम ने यह घोषणा शहरी और ग्रामीण ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के दौरान की, जहां उन्होंने युवाओं में आत्महत्या की बढ़ती संख्या पर चिंता भी व्यक्त की। उन्होंने राजस्थान लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षा तैयारी संस्थानों से ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया। गहलोत ने इस बात पर जोर दिया कि लड़कियों और महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करने वालों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस गंभीर मुद्दे पर बात करते हुए, उन्होंने कहा कि कुछ युवा लड़के एक-दूसरे के खिलाफ हिंसा का सहारा ले रहे हैं। सीएम ने उनकी भावनात्मक जरूरतों को समझने और यदि वे प्रेम संबंध में हैं तो उन्हें शादी करने की आजादी देने का सुझाव दिया, क्योंकि इससे कुछ नकारात्मक प्रवृत्तियों को कम किया जा सकता है।
मीडिया से बातचीत में गहलोत ने भविष्य के प्रति आशा व्यक्त करते हुए कहा कि आज के युवा वैज्ञानिक, टेक्नोक्रेट, डॉक्टर, इंजीनियर और अखिल भारतीय सेवाओं में योगदान देने वाले सामाजिक कार्यकर्ता बनेंगे। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ शरारती तत्व राज्य में व्यवधान पैदा कर रहे हैं और पुलिस को उनसे जिम्मेदारी से निपटने का निर्देश दिया।