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स्पेशल ट्रेन के जरिए तेलंगाना से बिहार के लिए रवाना किए गए इतने मजदूर

हैदराबाद। वैश्विक महामारी कोरोनावायरस पर काबू पाने के लिए देशभर में 17 मई तक तीसरा लॉकडाउन लागू किया गया है। हालांकि इस लॉकडाउन के बीच सबसे बड़ी समस्या प्रवासी मजदूरों की है। रोटी और रोजगार दोनों उनके लिए लॉकडाउन में बड़ी समस्या बन गई है। लेकिन तीसरे लॉकडाउन के बाद केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों को राहत बड़ी राहत दे दी है। जिसके चलते वो अब अपने घर जा रहे हैं।

इसी सिलसिले में हैदराबाद के पास घाटकेसर से एक विशेष ट्रेन करीब 1,200 श्रमिकों को बिहार के खगड़िया के लिए लेकर मंगलवार को रवाना हुई। दक्षिण मध्य रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “श्रमिक विशेष रेलगाड़ी आज सुबह बिहार में खगड़िया के लिए रवाना हुई। ट्रेन में सवार होने से पहले सभी यात्रियों की जांच की गई।” तेलंगाना में श्रमिकों के लिए चलायी गयी यह दूसरी रेलगाड़ी है।

दक्षिण मध्य रेलवे के अधिकारी ने बताया कि इसी तरह, आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के पास रयानापाडु से एक अन्य ट्रेन महाराष्ट्र के चंद्रपुर के लिए रवाना हुई। रचकोंडा पुलिस ने एक बयान में कहा कि ट्रेन घाटकेसर स्टेशन से तड़के तीन बजकर पांच मिनट पर खगड़िया के लिए रवाना हुई।

रचकोंडा पुलिस आयुक्त महेश भागवत, मेडचल कलेक्टर वेंकटेश्वरलू और दक्षिण मध्य रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रस्थान का निरीक्षण किया। सोमवार रात जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि तेलंगाना में फंसे श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थान तक ले जाने के लिए एक हफ्ते तक प्रतिदिन करीब 40 ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा।

 

 

ये रेलगाड़ियां वारंगल, खम्मम और रामगुंडम समेत शहर के विभिन्न स्टेशनों से प्रस्थान करेंगी। ये ओडिशा, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के विभिन्न गंतव्य स्थानों तक जाएंगी। एक मई को पहली ट्रेन 1,225 श्रमिकों को यहां के लिंगमपल्ली स्टेशन से झारखंड के हटिया लेकर गई थी। रेल मंत्रालय द्वारा उनकी वापसी के राज्य सरकार के अनुरोध को स्वीकार करने के बाद यह ट्रेन चलाई गई थी। कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के बाद से कई दिनों तक रेल सेवाएं बंद रहने के बाद रेलवे द्वारा चलाई गई यह पहली विशेष रेलगाड़ी थी।

गौरतलब है कि देश के अलग अलग हिस्सों में लाखों की तादाद में फंसे प्रवासी मजदूरों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था जिसकी वजह से केंद्र ने इनको घर पहुंचाने का फैसला किया है।

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