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UP: आजम खान और उनके बेटे को कोर्ट ने दिया तगड़ा झटका, इस मामले में सुनाई 2 साल की सजा

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। अब एमपी/एमएलए कोर्ट ने उन्हें और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को छलजैट मामले में दो साल की सजा सुनाई है। हम आगे आपको इस पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताएंगे, लेकिन उससे पहले हम आपको बता दें कि पूर्व मंत्री महबूबा अली, विधायक मनोज पारस सहित सभी सात आरोपितों को बरी कर दिया गया है। दरअसल, यह  पूरा मामला 29 जनवरी 2008 का है, जब छलजैट पुलिस ने उनकी गाड़ी को जांच के लिए रोका तो उनके समर्थक पुलिसवालों से ही भिड़ गए। इतना ही नहीं, आजम के समर्थकों के अलावा समाजवादी पार्टी के अन्य नेता भी पुलिस से भिड़ गए। यही नहीं, पुलिस द्वारा दी गई चुनौती के बाद भी सपा समर्थक अपनी हरकतों से बाज नहीं आए। बता दें कि पुलिस ने बाद में इस पूरे मामले को संज्ञान में लेने के बाद अब्दुल्ला आजम समेत 9 लोगों को आरोपी बनाया। इन सभी लोगों पर पुलिस के काम में बाधा पहुंचाने सहित लोगों को उकसाने का आरोप लगा था।

इसके बाद यह पूरा मामला कोर्ट के पास पहुंचा। कोर्ट ने बाद में मामले को संज्ञान में लेने के बाद पुलिस से इस संदर्भ में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। अब कोर्ट ने आजम खान और उनके बेटे को इस मामले में दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई। हालांकि, इसके साथ ही कोर्ट ने आगामी 20 फरवरी तक आजम खान को अपना पक्ष रखने का भी अल्टिमेटम दिया है। बता दें कि बीते दिनों यूपी सरकार ने भी आजम खान को तगड़ा झटका दिया था।

दरअसल, सरकार ने बीते दिनों अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर प्रशिक्षण और शोध संस्थान के आवास को वापस ले लिया गया था। ध्यान रहे कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने अखिलेश यादव ने अपने अजीज मंत्री को 100 रुपये के सालाना लीज पर 100 वर्षों के लिए यह सरकारी शोध संस्थान मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को दिया गया था, जिसे बीते दिनों राजधानी लखनऊ में हुई कैबिनेट बैठक वापस ले लिया गया था।

 

सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को आजम खान के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा गया था। बहरहाल, अब आगामी दिनों में इस पूरे मसले को लेकर आजाम खान की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं और सूबे की मौजूदा सरकार का इस पूरे मसले को लेकर क्या रुख रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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