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सरकार के प्रस्ताव को किसानों ने किया खारिज, राष्ट्रपति से मिले विपक्षी नेता की कृषि कानून रद्द करने की मांग

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) बुधवार को भी जारी है। आज प्रदर्शन का 14वां दिन है। किसान अभी भी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। वहीं, आज दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों की बैठक जारी है। इसके अलावा किसानों के मुद्दों को लेकर शरद पवार (Sharad Pawar) के नेतृत्व में विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) से मिले। जिसके बाद उन्होंने मीडिया से बात की और कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति से कृषि कानून को रद्द करने की मांग की है।

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साथ ही विपक्ष नेता कृषि कानूनों पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर राष्ट्रपति भवन से बाहर आ गए हैं। जिसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्होंने कृषि कानून को रद्द करने की मांग की है। इस दौरान राहुल गांधी, शरद पवार, सीताराम येचुरी, डी राजा मौजूद रहे। वहीं, राहुल गांधी ने कहा कि किसानों को सरकार पर भरोसा नहीं है।

सिंघु बॉर्डर पर ​किसान नेताओं की हुई बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही है। जिसमें किसानों ने सरकार के प्रस्ताव के बारे में बात करते हुए बताया कि उन्होंने प्रस्ताव को खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि 12 दिसंबर तक दिल्ली-जयपुर हाईवे सील करेंगे। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि सरकार की तरफ से प्रस्ताव आया है उसे हम पूरी तरह से रद्द करते हैं। उन्होंने बताया कि 14 दिसंबर को देशभर में धरना-प्रदर्शन होगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बीजेपी दफ्तर का घेराव होगा।

देश में किसानों के बीच बनी भ्रम की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ट्वीटर पर लिखा नए कृषि कानूनों का ‘सच’। उन्होंने इसे सोशल मीडिया के जरिए देश के सामने रखा है।


नरेंद्र सिंह तोमर ने लिखा जरूर जानें, कृषि कानून का ये सच…


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने 5 विपक्षी नेता पहुंच गए हैं। किसान आंदोलन को लेकर चर्चा करेंगे।

सिंघु बॉर्डर पर ​किसान नेताओं की हुई बैठक के बाद 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। जिसमें किसान सरकार के प्रस्ताव के बारे में बात करेंगे।

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष मंजीत सिंह ने सरकार के प्रस्ताव पर कहा कि हम प्रस्ताव को पढ़ेंगे, फिर इस पर चर्चा के बाद कोई फैसला लिया जाएगा। प्रस्ताव लगभग 20 पन्नों का है।

सिंघु बॉर्डर पर ​किसान नेताओं को कृषि कानूनों पर भारत सरकार का प्रस्ताव मिला।

सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों की बैठक हो रही है। फिलहाल पंजाब के 32 किसान संगठन मीटिंग कर रहे हैं।

दिल्ली में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, सांसद गौतम गंभीर, मनोज तिवारी ने नगर निगम के 13,000 करोड़ रुपये जारी करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि पिछले तीन दिन से हमारे एमसीडी के कर्मचारी यहां बैठे हुए हैं, वो(मुख्यमंत्री) कम से कम आकर बात कर सकते हैं। ये(हाउस अरेस्ट) सिर्फ असली मुद्दे से भटकाने की कोशिश है क्योंकि वो जानते हैं कि हम यहां से नहीं हटेंगे।

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मोदी जी के रहते किसानों का अहित नहीं हो सकता। विरोधी दलों को अगर मोदी जी और भाजपा का विरोध करना है तो मुद्दे पर आएं। किसान के कंधे पर बंदूक रखने की कोशिश न करें।

किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि ये किसानों के सम्मान की बात है, ऐसे में किसान अपनी बात से पीछे नहीं हटेंगे। सरकार ने सिर्फ संशोधन का प्रस्ताव भेजा है, जो किसानों को मंजूर नहीं है।

कृषि कानूनों पर किसान आंदोलन के बीच मोदी कैबिनेट की बैठक जारी है। जिसमें किसानों की मांगों को लेकर चर्चा की जा रही है। सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को संशोधित लिखित प्रस्ताव भेजा है।

विपक्षी दलों के राष्ट्रपति से मिलने पर शिवराज सिंह ने कही बड़ी बात

दिग्विजय सिंह ने कहा मुझे राष्ट्रपति से कोई उम्मीद नहीं, वह कृषि बिलों के मामले में क्या कर सकते हैं।

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है।

पंजाब में शिरोमणि अकाली दल कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने के​ लिए दिल्ली जा रहे लोगों को मुफ़्त में डीज़ल मुहैया करा रहा है। अकाली दल के एक कार्यकर्ता ने बताया, “आंदोलन कर रहे किसानों को उत्साहित करने के लिए हमने ये फ्री सेवा शुरू की है।”

अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हनन मुल्ला ने कहा कि कल बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। सरकार आज सुबह 11 बजे तक लिखकर भेजेगी(प्रस्ताव), 12 बजे सिंघु बॉर्डर पर हमारी बैठक है। सरकार ने 10 दिसंबर को बैठक के लिए बोला है, अगर प्रस्ताव के बाद कुछ सकारात्मक निकल कर आता है तो कल बैठक हो सकती है।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने 12 बजे होने वाली बैठक को लेकर कहा कि प्रस्ताव पर चर्चा होगी, बैठक रद्द हो गई है। पहली बार सरकार का दस्तावेज सामने आएगा, आगे के आंदोलन की रूपरेखा प्रस्ताव के बाद तय होगी।

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब सुखविंदर सिंह सभरा ने बताया कि सरकार इस समय हड़बड़ाहट में है, कल शाम बुलाई गई बैठक बेफायदा थी। प्रस्ताव भेजना था तो 6 या 7 दिसंबर को भेजते। अगर प्रस्ताव में संशोधन की बात आती है तो उससे बात नहीं बनेगी।

कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “ये कानून रद्द करने होंगे, ये किसानों के खिलाफ हैं।”

कृषि क़ानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 14वें दिन भी जारी है।

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