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Rajasthan: सचिन पायलट के खिलाफ विधायकों की बगावत सीएम अशोक गहलोत ने करवाई थी! स्पीकर के इस खुलासे से मिले संकेत

ashok gehlot and sachin pilot

जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में मची रार के बीच बड़ा खुलासा हुआ है। ये खुलासा सीएम अशोक गहलोत के लिए काफी दिक्कतों भरा हो सकता है। दरअसल, 25 सितंबर 2022 को कांग्रेस आलाकमान के दूत अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे जयपुर पहुंचे थे। तब मंत्री शांति धारीवाल के नेतृत्व में 90 से ज्यादा कांग्रेस विधायकों ने सचिन पायलट को सीएम बनाने की किसी भी कोशिश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को सामूहिक तौर पर इस्तीफा भी सौंप दिया था। इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ की तरफ से अर्जी दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से हाईकोर्ट को बताया गया है कि विधायकों ने अपनी मर्जी से इस्तीफे नहीं दिए थे। विधायकों ने इसके बाद अपनी मर्जी से इस्तीफे वापस लेने की अर्जी भी सीपी जोशी को दी थी।

इस खुलासे के सामने आने के बाद अशोक गहलोत की इस मामले में भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है। पहले ही कयास लगाए जा रहे थे कि गहलोत के कहने पर विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान के दूतों अजय माकन और खड़गे के सामने पूरा हंगामा किया और दबाव डालने के लिए इस्तीफे दिए। अब विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से राजस्थान हाईकोर्ट को दी गई जानकारी इन कयासों के सच होने का इशारा कर रही है। विधानसभा अध्यक्ष ने हाईकोर्ट को ये भी बताया है कि 5 विधायकों ने तो मूल इस्तीफा तक नहीं दिया था। उन्होंने इस इस्तीफे की कॉपी दी थी। बताया जा रहा है कि ये पांचों विधायक अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों को खुश रखना चाहते थे।

बता दें कि पिछले साल 25 सितंबर को जयपुर में अजय माकन और खड़गे के खिलाफ गहलोत समर्थक विधायक एकजुट हो गए थे। इन विधायकों का कहना था कि अगर सीएम बदलना भी है, तो गहलोत समर्थकों में से ही किसी को पद दिया जाए। उनका साफ तौर पर कहना था कि सचिन पायलट ने गहलोत सरकार गिराने की कोशिश की। उनको इस वजह से सीएम पद नहीं दिया जाना चाहिए। हंगामे के बाद माकन और खड़गे दिल्ली लौट गए थे। उन्होंने तब कांग्रेस अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी को मामले की रिपोर्ट भी सौंपी थी, लेकिन अब तक किसी भी विधायक पर कार्रवाई नहीं हुई है। विधायकों की बगावत पर अब तक अशोक गहलोत कहते रहे हैं कि ये गलत था और वो ऐसा न करने की बात विधायकों से कह रहे थे, लेकिन जो स्पीकर ने हाईकोर्ट को बताया है, उससे लग रहा है कि विधायकों के बागी तेवरों के पीछे गहलोत की तरफ से दी गई हवा थी।

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