नई दिल्ली। केंद्र सरकार की एक योजना को लेकर बीते साल देशभर में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किए। ये योजना है अग्निपथ योजना जिसके जरिए केंद्र सरकार देश की सेनाओं में युवाओं को भर्ती करती है। अब इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर एक अर्जी पर टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ शब्दों में कहा है कि सार्वजनिक हित अन्य विचारों से अधिक महत्वपूर्ण हैं, सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही अपने फैसले में कहा कि अग्निपथ योजना के शुरू होने से पहले रक्षा भारती प्रक्रिया में चयनित हो चुके उम्मीदवारों को नियुक्ति का अधिकार नहीं है।
Supreme Court rejects two pleas pertaining to challenging Delhi High Court order upholding govt’s Agnipath scheme for entry into Armed Forces and affirms the validity of the scheme.
Court lists for April 17 to hear another plea related to recruitment in IAF prior to the…
— ANI (@ANI) April 10, 2023
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इससे पहले 27 फरवरी को एक फैसले में हाईकोर्ट ने साफ शब्दों में इस बात का जिक्र किया था कि अग्निपथ योजना राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के प्रशंसनीय उद्देश्य के साथ राष्ट्रीय हित में तैयार किए गए थे, कोर्ट ने योजना की वैधता को चुनौति देने वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए इसे ‘उत्तम विचारों’ के साथ केंद्र का नीतिगत निर्णय बताया था।
क्या हैं अग्निपथ स्कीम ?
सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला सामने आने के बाद जाहिर तौर पर आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये अग्निपथ स्कीम है क्या, तो जानकारी के लिए आपको बता दें बीते कुछ समय पहले भारत सरकार ने रक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय सेना में युवाओं को शामिल करने के लिए अग्निपथ योजना की शुरुआत की थी। गौर करने वाली बात ये है कि केंद्र सरकार ओर से चलाई जा रही यह एक सरकारी स्कीम है, जिसके तहत आवेदकों को अग्निवीर पद के लिए भर्ती किया जाएगा। इस योजना के तहत केवल भारतीय सेना में ही नहीं, बल्कि एयरफोर्स और इंडियन नेवी में भी भर्ती की जाएगी। हालांकि इनकी भर्ती चार साल के लिए होगी और 4 साल बाद 75 फीसदी युवाओं को घर भेज दिया जाएगा और सिर्फ 25 फीसदी युवाओं को ही स्थायी भर्ती दी जाएगी, केंद्र ने 14 जून को इस नई योजना को लेकर बड़ा एनाउन्समेंट किया गया था। इसके बाद हालांकि देशभर में युवाओं ने इस योजना को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास किया, अग्निवीर योजना को लेकर छात्र सडकों पर भी उतर आए थे। केंद्र सरकार ने इसके बाद विपक्ष पर युवाओं को बरगलाने का आरोप भी लगाया था।