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Alwar Temple: ‘मंदिर वहीं बनाएंगे, तोड़ने वालों पर होगी FIR’, बैकफुट पर आई गहलोत सरकार

gahlot govt

नई दिल्ली। राजस्थान में 300 वर्ष पुराने शिव मंदिर को बीते शुक्रवार को कांग्रेस सरकार की नेतृत्व वाली नगरपालिका परिषद ने ध्वस्त कर दिया। जिसके बाद से सियासी गलियारों में भूचाल मचा हुआ है। बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सभी गहलोत सरकार के उपरोक्त कृत्य की निंदा कर रहे हैं। लेकिन इस बीच राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने बड़ा बैकफूट पर आने का ऐलान कर दिया है। बता दें कि कांग्रेस सरकार ने ऐलान किया है कि हम मंदिर वहीं बनाएंगे, जहां उसे ध्वस्त किया गया है। ध्यान रहे अलवर में शिव मंदिर को अमितक्रमित मानते हुए ध्वस्त किया है। जिसे लेकर अब गहलोत सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। उधऱ ,बीजेपी का यहां तक कहना है कि अपने कृत्य के जरिए गहलोत सरकार ने अपने दोहरे चरित्र का पटाक्षेप कर दिया है। बीजेपी का आरोप है कि विकास के नाम पर गहलोत सरकार ने मंदिर तो ध्वस्त कर दिया है, लेकिन सामने आई मस्जिद को छोड़ दिया।

इतना ही नहीं, बीजेपी ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सरकार अब औरंगजेब और बाबर से भी ज्यादा क्रूर हो चुकी है। राजस्थान की गहलोत सरकार हिंदुओं की आस्था को लेकर संवेदनहीन हो चुकी है। इन्हें हिंदुओं की आस्था से कोई लेना देना नहीं है। उधर, एआईएमआईएम के अध्यक्ष असुद्दीन ओवैसी ने भी गहलोत सरकार के इस कृत्य की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह सरासर गलत है कि नगरपालिका परिषद ने मंदिर को ध्वस्त कर दिया है। इसके लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही जिम्मेदार है और जनता अब इन्हें कभी माफ नहीं करेगी।

उन्होंने कहा कि यह दोनों ही दल जनता का हितैषी बनने का ढोंग करते हैं। उधर, बीजेपी सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने सरकार पर इस मामले को संज्ञान में लेने के उपरांत कार्रवाई की मांग की है। उधर, इस पूरे मामले में कई हिंदूवादी संगठनों की तरफ से रोष जाहिर किए जा रहे हैं। सभी सरकार पर दवाब की कार्रवाई करने की मांग की जा रही है। अब अब यह पूरा मामला आगामी दिनों में क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। हालांकि, यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब गहलोत सरकार पर हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगा है, बल्कि इससे पहले भी सरकार पर हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ करने के आरोप लग चुके हैं।

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