नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों की मंजूरी मिल गई है। राज्यसभा में बिल पर लगभग 14 घंटे चर्चा चली जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच जोरदार बहस देखने को मिली। जिसके बाद गुरुवार देर रात विधेयक पारित हो गया। बिल के पक्ष में 128 वोट पड़े, जबकि 95 सांसदों ने इसके विरोध में वोटिंग की। अब इस विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा और फिर इसे पूरे में लागू कर दिया जाएगा।
केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में विधेयक को प्रस्तुत किया। लोकसभा में लगभग 12 घंटे बिल पर चर्चा चली थी। बुधवार देर रात लगभग दो बजे लोकसभा से विधेयक पारित हुए था। बिल के पक्ष में कुल 288 वोट और विरोध में 232 वोट पड़े थे। किरेन रिजिजू ने बिल पेश करते हुए कहा कि विपक्ष इस बिल को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने बिल से संबंधित सभी सुझावों से अवगत कराया और भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया। वहीं राज्यसभा में बिल पर चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री तथा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिल में किए जाने वाले संशोधनों के बारे में बहुत सी विस्तार से बताया।
नड्डा ने कहा कि इस बिल का मूल उद्देश्य सुधार लाकर वक्फ संपत्तियों का उचित प्रबंधन करना है। यह बिल राष्ट्र हित में है, किसी पार्टी के हित में या तुष्टिकरण की राजनीति के लिए नहीं। वहीं विधेयक से वक्फ बाय यूजर को हटाए जाने पर विपक्ष ने इस बात का विरोध किया। इससे पहले बीजेपी सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल ने वक्फ बाय यूजर को वक्फ बोर्डों का बड़ा हथियार बताया। उन्होंने कहा कि किसी की जमीन पर कुछ दिन नमाज क्या पढ़ ली, वक्फ बाय यूजर से वो जमीन वक्फ बोर्ड की हो गई।