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Karnataka: ‘अजान का विरोध करने वाले आतंकवादी हैं, इनके खिलाफ UAPA के तहत कार्रवाई की जाए’, कांग्रेस नेता का विवादित बयान

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नई दिल्ली। लाउडस्पीकर को लेकर छिड़े विवाद के बीच कर्नाटक से कांग्रेस नेता हरिप्रसाद का विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने उन सभी लोगों को आतंकवादी बताया है, जो अजान का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ यूएपीए के तहत केस दर्ज किया जाए। बता दें कि लाउडस्पीकर को लेकर छिड़ा विवाद पहले महाराष्ट्र तक ही सीमित था, लेकिन उस वक्त यह कर्नाटक की चौहद्दी तक भी दस्तक दे गया, जब राम सेना ने राज्य सरकार को चेतावनी दे डाली कि हनुमान चालीसा या सुप्रभात या ओमकारा या भक्ति गीत सोमवार, 9 मई, 2022 से सुबह 5 बजे राज्य भर के 1,000 से अधिक मंदिरों में बदले में बजाए जाएंगे। वहीं, हरिप्रसाद के बयान पर हिंदू सेना प्रमुख प्रमोद मुत्तलिब ने आपत्ति जताते हुए कहा कि काग्रेस नेता को आतंकवाद की असल परिभाषा के बारे में नहीं पता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता को कुछ वक्त पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों में बिताकर आना चाहिए, तब उन्हें आतंकवाद का असल मतलब पता चल जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि यह विरोध महज हनुमान चालीसा और भक्ति गीतों के संदर्भ में है।

इसे बेवजह कुछ लोग राजनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए तूल देने का काम कर रहे हैं। श्री राम सेना प्रमुख ने कर्नाटक की बीजेपी सरकार से अपील की है कि वो भी उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज अनाधिकृत लाउडस्पीकर के खिलाफ कार्रवाई करें। गौरतलब है कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अनाधिकृत लाउडस्पीकर के खिलाफ कार्रवाई की थी, जो कि काफी सुर्खियों में रही थी। ध्यान रहे कि इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री समेत पर्यावरण मंत्री ने भी शोर प्रदूषण को कम की दिशा में लाउडस्पीकर हटाए जाने सरीखे कदम उठाए जाने की मांग की थी। फिलाहाल इस पूरे मसले को लेकर जमकर राजनीति हो रही है। बता दें कि लाउडस्पीकर विवाद को महाराष्ट्र नवनिर्माण पार्टी के प्रमुख राज ठाकरे ने जन्म दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर आगामी 3 मई तक प्रदेश में स्थित सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए, तो विरोधस्वरूप हनुमान चालीसा बजाई जाएगी।

हालांकि, ठाकरे के उपरोक्त ऐलान के बाद जहां राज्य में स्थित कई मस्जिदों ने लाउडस्पीकर हटा लिए हैं, तो कईयों ने कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। ध्यान रहे कि महाराष्ट्र में ठाकरे के ऐलान की तासीर उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिली थी। बता दें कि उत्तर प्रदेश में कई मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा दिए गए हैं। बहरहाल, लाउडस्पीकर को लेकर सियासी द्वंद का सिलसिला जारी है। अब ऐसी स्थिति में यह पूरा माजरा आगे चलकर क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढते रहिए… न्यूज रूम पोस्ट.कॉम

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