नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में पूर्व भारतीय सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी ने तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले के खिलाफ अदालत के आदेश का पालन न करने पर अवमानना याचिका दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि साकेत गोखले ने अदालत के निर्देशों का अनुपालन नहीं किया है, जो उनके खिलाफ अपमानजनक पोस्ट और आर्थिक जुर्माने से संबंधित थे। लक्ष्मी पुरी ने बताया कि अदालत ने एक जुलाई को पारित आदेश में साकेत गोखले को निर्देश दिया था कि वे चार सप्ताह के भीतर उनके खिलाफ किए गए सभी सोशल मीडिया पोस्ट हटाएं और 50 लाख रुपये का जुर्माना अदा करें। लेकिन गोखले द्वारा अब तक इस आदेश का पालन नहीं किया गया है।
संपत्तियों की जानकारी देने का निर्देश
मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने गोखले को चार सप्ताह के भीतर अपनी सभी संपत्तियों और बैंक खातों की जानकारी के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
🚨 BREAKING: Lakshmi Puri moves Delhi HC against TMC MP Saket Gokhale for not apologizing and paying ₹50 lakh damages. HC orders Gokhale to submit property list in 4 weeks. #LegalAction #DelhiHC
— Flux Times (@Fluxxtimes) December 23, 2024
झूठे आरोपों पर मानहानि का मामला
पूर्व में लक्ष्मी पुरी ने गोखले के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि साकेत गोखले ने जून 2021 में सोशल मीडिया पर उनके और उनके पति, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के खिलाफ झूठे और अपमानजनक बयान दिए थे। गोखले ने उन पर 2006 में जिनेवा में काले धन से संपत्ति खरीदने का आरोप लगाया था।
ट्विटर पर माफी मांगने का आदेश
अदालत ने साकेत गोखले को निर्देश दिया है कि वे अपने ट्विटर हैंडल पर माफी मांगे और वह माफीनामा छह महीने तक पब्लिक डोमेन में उपलब्ध रहे। अदालत ने कहा कि गोखले के अपमानजनक बयानों से वादी की प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति हुई है। लक्ष्मी पुरी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने अदालत में पक्ष रखा। अदालत ने यह भी कहा कि साकेत गोखले द्वारा किए गए अपमानजनक पोस्ट को हटाने और माफी मांगने के निर्देश पर तत्काल अमल होना चाहिए।