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Coronavirus: ब्रिटेन से वापस लौटे 20 यात्रियों में पाया गया कोरोना का नया स्ट्रेन

Coronavirus

नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) का कहर अभी थमा भी नहीं था कि अब कोरोना के नया स्ट्रेन (New strain of Coronavirus) चिंता बढ़ा दी है। देश में कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन पैर पसारता हुआ दिख रहा है। ब्रिटेन से वापस लौटे 20 यात्रियों में कोरोना का नया स्ट्रेन पाया गया है। इन सभी व्यक्तियों को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा हैल्थ केयर में आइसोलेशन में अलग रखा गया है। इससे पहले मंगलवार को भारत में कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन के 6 केस मिले। इनमें से तीन बेंगलुरु, 2 हैदराबाद और एक पुणे की लैब के जांचे गए सैंपल में नया स्ट्रेन पाया गया।

इसमें दिल्ली के एनसीडीसी लैब में 8, NIMHANS में 7, सीसीएमबी हैदराबाद लैब में 2 सैंपल के यूके के नए स्ट्रेन होने का पता चला है। वहीं NIBG कल्याणी – कोलकात्ता, NIV पुणे, IGIB दिल्ली में एक-एक सैंपल के यूके के नए स्ट्रेन होने की पुष्टि हुई है।


डरें नहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कर दिया साफ, कोरोना के नए स्ट्रेन पर भी वैक्सीन असरदार

इससे पहले कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया कि नए स्ट्रेन पर भी कोविड वैक्सीन प्रभावी होगी। इसलिए इस नए स्ट्रेन को लेकर लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। वहीं मंगलवार को भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो के विजय राघवन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि वैक्सीन यूके और दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाले वेरिएंट के खिलाफ काम करेंगी। इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि वर्तमान वैक्सीन इन कोरोना वेरिएंट्स से बचाने में नाकाम रहेंगी।

इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि यूके वेरिएंट की खबर आने से पहले, हमने प्रयोगशालाओं में लगभग 5,000 जीनोम विकसित किए थे। अब हम उस संख्या में काफी वृद्धि करेंगे। इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद ICMR के डीजी प्रोफेसर बलराम भार्गव ने कहा कि यह जरूरी है कि हम वायरस पर बहुत अधिक इम्यून प्रेशर न डालें। हमें ऐसी थेरेपी का प्रयोग करना होगा जिससे लाभ मिल सके। यदि फायदा नहीं होता है तो हमें उन उपचारों का उपयोग नहीं करना चाहिए अन्यथा यह वायरस पर प्रेशर डालेगा और यह अधिक म्यूटेट करेगा।

वहीं नए स्ट्रेन को लेकर नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन कई देशों की यात्रा कर चुका है, ऐसे में हमें इससे सावधान रहना होगा। वायरस के प्रसार को दबाना आसान है, क्योंकि ट्रांसमिशन की चेन छोटी है।  उन्होंने कहा कि विदेश से आने वाले 20 में से 1 यात्री का यूके वैरियंट का टेस्ट किया जाएगा।

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