नई दिल्ली। बिना पहला चुकाए लगातार पर्सनल लोन लेने वालों के लिए दिक्कत पैदा हो सकती है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने पर्सनल लोन पर नए नियम 1 जनवरी 2025 से लागू किए हैं। आरबीआई के नए नियम के तहत अब लोन देने वालों को क्रेडिट ब्यूरो में इसकी जानकारी 15 दिन में देनी होगी। पहले ये समयसीमा 1 महीने थे। इससे लोन के डिफॉल्ट और उसे चुकता करने पर ताजा जानकारी मिल जाएगी। जो लोग लोन चुकाने में जोखिम बन रहे हैं, उनका भी अच्छे से आकलन किया जा सकेगा और कई लोन लेने पर रोक लगाई जा सकेगी। आरबीआई के नए नियम से लोन पर रिस्क का प्रबंधन भी ठीक से हो सकेगा।
हर 15 दिन में क्रेडिट ब्यूरो को जानकारी मिल सकेगी कि किसने कितना लोन लिया है और इसे चुकाया जा रहा है या नहीं। इससे ईएमआई के बारे में जानकारी में देरी नहीं होगी। अब तक अलग-अलग लोन की ईएमआई के बारे में जानकारी 1 महीने में रिपोर्ट करने पर डिफॉल्ट वगैरा की सटीक जानकारी नहीं मिलती थी। क्योंकि लोन चुकाने संबंधी पेमेंट रिकॉर्ड में 40 दिन की देरी हो जाती थी। बैंकों की तरफ से ही पेमेंट रिकॉर्ड ज्यादा तेजी से अपडेट करने का सुझाव आरबीआई को दिया गया था। जिसे आरबीआई ने मानते हुए लागू कर दिया है। अब अगर किसी ने कई लोन लिए हैं, तो इसकी जानकारी हर 15 दिन में क्रेडिट ब्यूरो को दिखने लगेगा।
मल्टीपल कर्ज तमाम लोग लेते हैं, लेकिन चुकाने में हीलाहवाली करते हैं। इसके अलावा एक कर्ज की ईएमआई न चुकाने के साथ दूसरा कर्ज भी कई लोग ले लेते थे। इसे एवरग्रीनिंग कहते हैं। आरबीआई का नया नियम एवरग्रीनिंग पर भी रोक लगाएगा। नए नियम से लोन देने का सिस्टम भी पारदर्शी बनेगा। पर्सनल लोन काफी महंगी ब्याज दर पर मिलता है। अचानक आए खर्च को निपटाने के लिए लोग पर्सनल लोन लेते हैं। अब एक ही व्यक्ति के बिना पर्सनल लोन चुकाए दूसरा लोन लेने पर रोक लग जाएगी। इससे बैंकों को डिफॉल्टर से वसूली करने में भी सहूलियत होगी।