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Golden Temple : गोल्डन टेम्पल में चेहरे पर लगाया तिरंगे का स्टीकर तो युवती के साथ सेवादार ने की बदसलूकी, जानिए SGPC ने सफाई में क्या कहा ?

अमृतसर। पंजाब के अमृतसर में एक युवती चेहरे पर तिरंगे का स्टीकर लगाकर पहुंची तो हरमंदिर साहिब परिक्रमा के गोल्डन प्लाजा द्वार पर तैनात सेवादार ने रोक लिया, वो युवती हरमंदिर साहिब मंदिर में माथा टेकने जा रही थी, लेकिन युवती का आरोप है कि सिर्फ चेहरे पर तिरंगे का स्टीकर लगा देखकर सेवादार ने से गेट पर ही रोक दिया। लड़की के मुताबिक वो भारत पाकिस्तान के पंजाब वाले बॉर्डर वाघा पर रिट्रीट सेरेमनी देखकर अमृतसर गोल्डन टेम्पल पहुंची थी। SGPC के सेवादार के इस बर्ताव पर अब बवाल शुरू हो गया है। देशभर से इस घटना पर प्रतिक्रिया आ रही है। सवाल ये उठे कि क्या SGPC देश की शान तिरंगे का सम्मान नहीं करती ? इसको लेकर खूब सवाल उठ रहे हैं –

आपको बता दें कि देश में वाघा बॉर्डर भारत-पाकिस्तान के सबसे ज्यादा पर्यटकों वाले सीमाओं में से एक है। यहां जब भारत और पाकिस्तान के सैनिक दोनों देशों के बीच मौजूद बॉर्डर के दरवाजे को खोलकर रिट्रीट सेरेमनी को अंजाम देते हैं तो लोग रोमांचित हो उठते हैं। खूब धूम धड़ाके के साथ यहां रिट्रीट सेरेमनी होती है। लोगों का जोश इस दौरान देखते ही बनता है। इसी सेरेमनी में लोग इस तरह से अपने अपने देश के झंडे को अपने चेहरे पर बनवाते हैं। ये लड़की भी इसी तरह से सेरेमनी का हिस्सा बनकर हरमंदिर साहिब पहुंची थी। जब उसको अंदर नहीं जाने दिया गया तो उसने पास में खड़े एक हरियाणा के व्यक्ति इस बारे में शिकायत की, जब उस व्यक्ति ने सेवादार से ऐसा करने की वजह पूछी तो उसने कहा कि लड़की ने चेहरे पर तिरंगा बना रखा है इसलिए अंदर नहीं जाने दे सकते हैं।

हरमंदिर साहिब के सेवादार की इसी बात पर काफी हंगामा हुआ और लोगों ने सेवादार की इस बात पर विरोध दर्ज कराया । मामला बढ़ता देख एसजीपीसी के पास पहुंचा। इस पूरे घटनाक्रम पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव गुरचरण सिंह गरेवाल ने ये साफ़ करते हुए कि SGPC देश के तिरंगे का सम्मान करती है, कहा कि उनके ध्यान में भी यह मामला आया है। मामले को लेकर वीडियो भी वायरल हुई है और वायरल वीडियो भी एसजीपीसी के अधिकारियों के पास पहुंची है। उन्होंने कहा कि वह जांच कराएंगे कि वह व्यक्ति सच में सेवादार था या कोई और था। उन्होंने कहा कि हम पहले ये सुनिश्चित कर लें कि वो कौन था। इसके पश्चात ही आगे की कार्रवाई करेंगे।

उसके साथ ही गरेवाल ने ये भी कहा कि यदि किसी अधिकारी ने लड़की के साथ दुर्व्यवहार किया है तो हम क्षमा चाहते हैं। लड़की के चेहरे पर लगा झंडा हमारा राष्ट्रीय ध्वज नहीं था क्योंकि उसमें अशोक चक्र नहीं था। यह एक राजनीतिक झंडा हो सकता था। लेकिन हमें भारतीय ध्वज से कोई समस्या नहीं है। हम उसका सम्मान करते है।

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