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TMC Against Congress: कांग्रेस के रुख से अलग टीएमसी की राय, हंगामे की जगह संसद की कार्यवाही चलाने के पक्ष में ममता बनर्जी की पार्टी

TMC Against Congress: एक तरफ कांग्रेस संसद में अडानी के मसले पर चर्चा के लिए सरकार को घेर रही है और 25 नवंबर से शुरू हुए सत्र में हंगामे के कारण कार्यवाही नहीं चल पा रही है। वहीं, विपक्षी गठबंधन में शामिल ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी का इस पर अलग रुख है।

नई दिल्ली। एक तरफ कांग्रेस संसद में अडानी के मसले पर चर्चा के लिए सरकार को घेर रही है और 25 नवंबर से शुरू हुए सत्र में हंगामे के कारण कार्यवाही नहीं चल पा रही है। वहीं, विपक्षी गठबंधन में शामिल ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी का इस पर अलग रुख है। टीएमसी चाहती है कि संसद में कार्यवाही चले। ताकि जनता से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण मसलों को उठाया जा सके। टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में पार्टी की ये राय रखी है। टीएमसी के रुख से साफ है कि अडानी के मसले को वो उतना बड़ा नहीं मान रही, जितना कि कांग्रेस मानती है।

डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि टीएमसी चाहती है कि संसद की कार्यवाही चले। ताकि जनता के मुद्दों को उठाया जा सके। टीएमसी सांसद ने कहा कि अडानी के मसले पर संसद में जिस तरह हंगामा हो रहा है, उससे अन्य जरूरी मसलों पर चर्चा नहीं हो रही है। वहीं, टीएमसी की लोकसभा सांसद काकोली घोष दस्तिदार ने भी कहा कि संसद में चर्चा होनी चाहिए। टीएमसी सांसद ने कहा कि पार्टी ये नहीं चाहती कि कोई एक ही मुद्दा संसद की कार्यवाही को प्रभावित करे। उसकी जगह विपक्ष को सरकार की विफलताओं को जिम्मेदार ठहराना चाहिए। टीएमसी पहले भी कह चुकी है कि वो विपक्षी गठबंधन का हिस्सा जरूर है, लेकिन मुद्दों पर उसकी रणनीति अलग हो सकती है।

इससे पहले टीएमसी के लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी ने एक कार्यक्रम के दौरान मांग की थी कि कांग्रेस को अहंकार त्यागकर ममता बनर्जी को विपक्षी गठबंधन का नेता मान लेना चाहिए। कल्याण बनर्जी ने कहा था कि बीजेपी को अगर सत्ता से हटाना है, तो सभी विरोधियों को अहंकार त्यागना होगा। टीएमसी सांसद ने कहा था कि ममता बनर्जी को विरोधियों का चेहरा बनाना होगा। कल्याण बनर्जी ने ये भी कहा था कि विपक्ष में नेतृत्व की कमी है और ममता बनर्जी ही बीजेपी को हरा सकती हैं।

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