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Politics: रामपुर और आजमगढ़ में सपा की हार से अखिलेश यादव गठबंधन नेताओं के निशाने पर, राजभर बोले- एसी कमरे ने…

akhilesh yadav and op rajbhar

लखनऊ। यूपी में रामपुर और आजमगढ़ की अपनी सीटें हारने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के गठबंधन में रार और बढ़ती दिख रही है। गठबंधन के नेता और सुहेलदेव भारत समाज पार्टी (सुभासपा) के चीफ ओमप्रकाश राजभर ने एक बार फिर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। राजभर ने मीडिया से कहा कि अखिलेश अगर एसी कमरे से बाहर निकलकर दोनों जगह प्रचार करते, तो ये दिन न देखना पड़ता। इससे पहले भी राजभर ने कहा था कि अखिलेश यादव को एसी कमरे में आराम करने की जगह अपनी पार्टी को मजबूत और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए तैयार करने के वास्ते एसी कमरे से बाहर निकलकर प्रदेशभर का दौरा करना चाहिए।

राजभर ने आगे और तंज कसते हुए कहा कि वो खुद 324 कार्यकर्ताओं के साथ आजमगढ़ में 12 दिन तक जमे रहे, वरना सपा के प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव की हार हजारों की जगह लाखों वोट से होती। राजभर ने पराजय की एक और वजह भी गिनाई। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव की गलती रामपुर और आजमगढ़ में भी अखिलेश ने दोहराई। दोनों ही जगह उन्होंने नामांकन के अंतिम दिन प्रत्याशियों के नाम का खुलासा कर टिकट दिया। सुभासपा चीफ ने कहा कि 2022 की पराजय से भी अखिलेश यादव ने कोई सबक नहीं लिया। जिसके नतीजे में सपा को अपने दोनों गढ़ रामपुर और आजमगढ़ गंवाने पड़े हैं।

बता दें कि रामपुर को सपा के कद्दावर नेता आजम खान का गढ़ माना जाता है। वहां हुए संसदीय उप चुनाव में बीजेपी के घनश्याम लोधी ने सपा के आसिम रजा को 42000 वोटों से हराया। जबकि, आजमगढ़ सीट से अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को बीजेपी के दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने 8000 वोटों से शिकस्त दे दी। जबकि, 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में रामपुर से आजम खान और आजमगढ़ से अखिलेश यादव ने बंपर वोटों से जीत हासिल की थी। वैसे सपा गठबंधन की बात करें, तो उसमें से महान दल ने पहले ही किनारा कर लिया है। महान दल के अध्यक्ष केशवदेव मौर्य ने सपा से अलग होने के दौरान अखिलेश पर कई आरोप भी लगाए थे।

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