News Room Post

Uniform Civil Code: सिख धर्म के आनंद मैरिज एक्ट पर नहीं पड़ेगा UCC का कोई असर, पहले जैसे ही रहेंगे रीति-रिवाज

UCC Congress

नई दिल्ली। समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर देशभर में तीखी बहस छिड़ गई है, जबकि विधि आयोग ने इसे लागू करने के लिए बुनियादी ढांचा पहले ही तैयार कर लिया है। इस ढांचे के अनुसार, बहुविवाह, हलाला और इद्दत जैसे कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रतिबंध लग सकता है। हालाँकि, हालिया ख़बरों से पता चलता है कि समान नागरिक संहिता का सिख आनंद कारज विवाह पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। अपने रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार आयोजित होने वाले सिख समारोह पहले से ही आनंद विवाह अधिनियम 1909 के तहत पंजीकृत हैं।

समान नागरिक संहिता का मूल ढांचा लैंगिक समानता पर महत्वपूर्ण जोर देता है। सभी विवाह पंजीकृत होने चाहिए, हालाँकि जनजातियों को आवश्यक छूट दी जाएगी। बहुविवाह, इद्दत और हलाला जैसी प्रथाओं पर भी प्रतिबंध लगाए जाएंगे। वर और वधू दोनों को समान उत्तराधिकार अधिकार का सिद्धांत प्रदान किया जाएगा। पति की मृत्यु या बेटा न होने की स्थिति में मुस्लिम महिलाएं संपत्ति में पूरी हिस्सेदारी की हकदार होंगी। हालाँकि, विधि आयोग के सुझावों के आधार पर बुनियादी ढांचे में संशोधन किया जा सकता है।

भारत के विविध सांस्कृतिक और धार्मिक समाजों को देखते हुए समान नागरिक संहिता का प्रस्ताव भारत में तीखी बहस का मुद्दा रहा है। समर्थकों का तर्क है कि यह लैंगिक समानता को बढ़ावा देगा और व्यक्तिगत कानूनों में सामंजस्य स्थापित करेगा, जिससे एकरूपता और न्याय सुनिश्चित होगा। दूसरी ओर, विरोधी धार्मिक अधिकारों और परंपराओं पर संभावित उल्लंघन के बारे में चिंता व्यक्त करते हैं।

Exit mobile version